पश्चिम रेलवे रतलाम मण्डल में आखिर यह चल क्या रहा है? डॉ आंबेडकर नगर महू – सनावद के गेज रूपांतरण में सर्वे सर्वे वाला खेल अचानक निविदाएं बुलाना, निविदाएं रदद् करना कैसा हो गया?
अभी अभी तो इस क्षेत्र में लोगोंके चेहरोंपर मुस्कान लौटी थी की नर्मदाजी पर रेल पुलिया का टेण्डर निकला है, और आज क्या देखते है की वह टेण्डर ‘कैंसल्ड’ दिखा रहा है?
इस क्षेत्र के लोग, रेल अधिकारियोंके इन बाजीगरीयोंसे बिल्कुल ही उकता गए है और जिस तरह इंदौर के ताई, भूतपूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन बोल गईं थी की उनकी नजरोंके सामने शायद ही यह गेज कन्वर्शन पूरा होगा, उसी तरह आम जनता भी सोचने लग गयी है। कहाँ एक वह हुकुम देने वाले होळकर और 3-4 वर्षोंमें गाड़ी चलवा देने वाले ब्रिटिश और कहाँ यह आज के रेल इंजीनियर और उनके राजनीति वाले आका?
अरे भाई, आपसे नही हो पा रहा तो पुरानी गेज पर छोटी गाड़ियाँ ही चलवा दीजिये और नही तो यह घोषित कर दीजिए की न आपसे सर्वे हो रहे न ही पुल और सुरंगे। या यह कह दीजिये की आप नही चाहते की इस क्षेत्र से बड़ी लाइन हो, सीधी गाड़ियाँ चले और क्षेत्र का विकास हो।