गुना में माननीय रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोष के निरीक्षण दौरे के बीच पत्रकारोंसे जो वार्तालाप हुवा, उसके बाद तो क्षेत्र के रेलयात्रियों की इस गाड़ी के पुनर्स्थापित होने के उम्मीद ही छूट चुकी थी। आज जैसे ही पमरे का यह परिपत्रक जाहिर हुवा तो एक खुशी की लहर सी दौड़ गयी।
रेल प्रशासन को यह ज्ञात होना चाहिए, स्थानीय यात्रिओंके लिए इस तरह की रेलगाड़ियां कितनी महत्वपूर्ण है। रेलवे अपने कैल्क्युलेशन केवल आरक्षित टिकटोंकी बिक्री पर करती है और कम अंतर की गाड़ियोंमे एक तो आरक्षित कोच रहते नही और रहे भी तो यात्री उनमे बढ़चढ़ कर बुकिंग करते नही। अतः ऐसी गाड़ियोंकी आय, गाड़ियाँ भर भर कर चलती हो तब भी दिखती नही। शायद यही कारण है, रेल प्रशासन को यह गाड़ियाँ अनुत्पादक लगती है। खैर, आप समयसारणी नोट कीजिये,

