रेलवे में अपनी रेल यात्रा के लिए सीट/बर्थ आरक्षण करना यह बहुत आम बात है। संक्रमण काल मे तो आरक्षण कराना अनिवार्य भी था, ख़ैर अब 29 जून से देशभर की लगभग सारी गाड़ियोंमे अनारक्षित टिकटें मिलना शुरू हो जाएंगी। फिर भी अपनी सीट या शायिकाएँ आरक्षित हो तो रेल यात्रा का आनंद अलग ही होता है और लम्बी दूरी की यात्रा में आरक्षण बहुत सुविधाजनक होता है।
आरक्षण करते वक्त रेल विभाग अलग अलग कोटा का उपयोग करती है। यह कोटा की श्रेणियां होती है, जिसमे यात्री टिकट लेने की पात्रता का उपयोग कर अपने लिए उपयुक्त कोटा चुनता है। जनरल, तत्काल, प्रीमियम तत्काल, महिला (लेडीज़), लोअर बर्थ (वरिष्ठ नागरिकों के लिए), HO (हेड ऑफिस कोटा), दिव्यांग यात्री कोटा और करन्ट बुकिंग कोटा
जनरल कोटा याने सामान्य कोटा यह सामान्यतः बहुतांश गाड़ियोंके लिए गाड़ी के प्रारंभिक स्टेशन से चलने के 120 दिन पहले शुरू होता है और गाड़ी छूटने के 4 घंटे पूर्व तक शुरू रहता है। बुकिंग सीमा खत्म होने पर नो रूम या रिग्रेट इस तरह की तख्ती लग जाती है। तत्काल कोटा यह गाड़ी के प्रारंभिक स्टेशन से चलने के एक दिन पहले शुरू होता है और गाड़ी छूटने के 4 घंटे पूर्व तक शुरू रहता है। सामान्य किराया श्रेणी से लगभग 30% किराया ज्यादा रहता है। प्रीमियम तत्काल कोटा यह गाड़ी के प्रारंभिक स्टेशन से चलने के एक दिन पहले तत्काल कोटे के साथ ही शुरू होता है और गाड़ी छूटने के 4 घंटे पूर्व तक शुरू रहता है। यह कोटा केवल गाड़ी के प्रारम्भिक स्टेशन या जहाँ तक GNWL कोटा उपलब्ध हो उन्ही स्टेशनोंसे आबंटित किया जाता है। इसकी किराया श्रेणी तत्काल कोटे के किराया श्रेणी से शुरू होकर यात्री मांग अनुसार बढ़ती है। महिला कोटा प्रत्येक गाड़ी के हरेक श्रेणी में कुछ सीटें/शायिकाएँ महिलाओं के लिए आरक्षित रहती है। दिव्यांग कोटा प्रत्येक गाड़ी के हरेक श्रेणी में कुछ सीटें/शायिकाएँ दिव्यांग यात्रिओंके लिए आरक्षित रहती है। महिला कोटे के लिए सामान्य किराया दर लगता है तो दिव्यांग कोटा के लिए अनिवार्य पंजीकृत प्रमाणपत्र के साथ रियायत दी जाती है। HO कोटा विविध रेल मण्डल अपने कर्मियोंकी कार्यालयीन यात्राओं के लिए उपयोग करते है। इसे VIP कोटा भी कहा जाता है। क्षेत्रीय/मण्डल मुख्यालय में राजनेता, विशिष्ट व्यक्ति आवेदन करते है और रेल अधिकारी उसे सम्मत करते है। इसके बाद चार्ट निकलते वक्त आरक्षण का आबंटन होता है। इसमे विशेष ध्यान रखने की बात यह है, यह कोई बुकिंग कोटा नही है। इसका आबंटन निकाले गए टिकटोंके पी एन आर के माध्यम से सम्बंधित यात्री के आवेदनपर रेल मुख्यालय के विचाराधीन होता है। अतिविशिष्ट व्यक्तियोंके साथ ही जरूरतमंद या मरीज भी इस कोटे में आरक्षण की लिखित मांग रेल मुख्यालय से कर सकते है। कोटे के आबंटन की प्रक्रिया सर्वथा रेल अधिकारियों के अधीन होती है। इसके अलावा सेना, विदेशी यात्रिओंका भी कोटा कुछ स्टेशन, गाड़ियोंमे दिया गया है। जिसके लिए जरूरी कागजात लगते है।
इसके आगे आरक्षित टिकट लेने के बाद टिकट पर GNWL, PQWL, RLWL, TQWL इस तरह के कोड छप कर आते है। जिसमे TQWL यह तत्काल कोटे का कोड है बाकी सभी सामान्य कोटे है।
रेलवे में RLWL, PQWL और GNWL के बीच क्या अन्तर है इस प्रकार समझतें है..
• GNWL – जनरल वेटिंग लिस्ट। यह किसी भी ट्रेन के प्रारम्भिक (Originating) स्टेशन से उसके अगले कोटे के पूर्व स्टेशन से अन्तिम स्टेशन के लिये बुक किये गये टिकट पर दी जाती है।
• PQWL – पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट। यह ट्रेन के प्रारंभिक स्टेशन से इंटरमीडिएट स्टेशन के बीच और किसी भी इंटरमीडिएट स्टेशन से अंतिम स्टेशन के बीच दी जाती है।
• RLWL – रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट। यह एक इंटरमीडिएट स्टेशन से दूसरे इंटरमीडिएट स्टेशन के बीच दी जाती है।
इन साधारण वेटिंग लिस्टों के क्लियर होने का क्रम भी इसी प्रकार होता है। पहले GNWL क्लियर की जाती है। उसके बाद यदि सीट खाली बचतीं हैं तो PQWL क्लियर की जाती है और फिर भी सीटें खाली बच जायें तो RLWL क्लियर की जाती है। हालाँकि तत्काल टिकट की वेटिंग लिस्ट अलग होती है मगर उसे GNWL से भी अधिक प्राधान्य दिया जाता है। यह बात और है की जिस गाड़ी में तत्काल कोटे में भी प्रतिक्षासूची लगती हो उसमे सामान्य सूची में आरक्षण खाली हो ही नही सकेगा।
हर ट्रेन के लिये GNWL, PQWL और RLWL की परिभाषा अलग अलग है। यह गाड़ी की यात्रा की कुल दूरी, यात्रिओंकी मांग और कई मदोंपर निर्भर करता है। इंटरमीडिएट स्टेशन वो बड़े स्टेशन हैं जहाँ से गुजरने वाली गाड़ियों में कुछ फिक्स कोटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए सूरत से छपरा जाने वाली तापीगंगा एक्सप्रेस के इंटरमीडिएट स्टेशन हैं भुसावल, जबलपुर
इस ट्रेन में यदि आप सूरत से छपरा का आरक्षण कराओगे तो GNWL मिलेगा। यदि सूरत से जबलपुर या वाराणसी का आरक्षण कराओगे तो आपको PQWL मिलेगा। यदि भुसावल से छपरा का कराओगे तो RLWL मिलेगा।
तात्पर्य यह है, की GNWL यह प्रतिक्षासूची में बड़ी तेजी कन्फर्म की ओर बढ़ती है, उसके बाद PQWL और सबसे बाद RLWL यज्ञपी आरक्षण की नितांत आवश्यकता आपको तत्काल या प्रीमियम तत्काल टिकट निकालने पर विवश कर सकती है।