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लम्बी दूरी की मेल/एक्सप्रेस गाड़ियोंमे द्वितीय श्रेणी, स्लीपर दुर्लभ हो जाएंगे?

भारतीय रेल प्रशासन अपनी यात्री गाड़ियोंके संरचना मानकीकरण का कार्य अग्रक्रम से चला रही है और इसके पीछे उनकी दलील यह है, किसी भी यात्री गाड़ी का रैक अन्य यात्री गाड़ी के समान होने से रैकोंकी उपयोगिता में सुलभता होगी। उदाहरण के तौर पर कोई गाड़ी देरी से पहुंचने के कारण उसी रैक से आगे चलने वाली दूसरी गाड़ी देरी से चलाने की आवश्यकता नही रहेगी क्योंकी अन्य रैक की सेटलिंग करने से डिपो में उसी संरचना का अतिरिक्त रैक उपलब्ध रहेगा और गाड़ी निर्धारित समयपर चलाई जा सकेगी।

रेल प्रशासन का गाड़ियोंके कोच संरचना सबंधी पत्र CC/47B/2020 dated 19/10/2020 के अनुसार यात्री गाड़ियोंके विभिन्न प्रकार में 16, 18, 20 और 22 कोचों की संरचना के कुल सात प्रकार का मानकीकरण घोषित किया गया है।

दिन में परिचालित प्रीमियम सेगमेंट की गाड़ियाँ :- इनमे दो प्रकार की संरचना को मान्यता दी गयी है।

क)वातानुकूलित चेयर कार – 14, एग्जीक्यूटिव चेयर कार – 2 और पॉवर कार – 2 कुल कोच 18

ख)वातानुकूलित चेयर कार – 12, एग्जीक्यूटिव चेयर कार – 2 और पॉवर कार – 2 कुल कोच 16 यह गाड़ियाँ शताब्दी, तेजस श्रेणियोंके गाड़ियोंके लिए उपयुक्त रहेंगी।

दिन में परिचालित इंटरसिटी जनशताब्दी श्रेणी की गाड़ियाँ :-

क) वातानुकूलित चेयर कार – 2, द्वितीय श्रेणी 2S चेयर कार – 12, अनारक्षित चेयर कार – 4, एसएलआर – 1 और पॉवर कार – 1 कुल कोच 20

ख) वातानुकूलित चेयर कार – 2, द्वितीय श्रेणी 2S चेयर कार – 8, अनारक्षित चेयर कार – 4, एसएलआर – 1 और पॉवर कार – 1 कुल कोच 16

लम्बी दूरी की प्रीमियम गाड़ियाँ:-

जिनमे पूर्णतयः वातानुकूलित कोच हो, राजधानी, दूरन्तो प्रकार की गाड़ियाँ ( हमसफ़र या गरीबरथ गाड़ियोंको छोड़कर ) – वातानुकूलित थ्री टियर – 12, वातानुकूलित टू टियर – 5, वातानुकूलित प्रथम – 2, पेंट्रीकार – 1, एसएलआर/पॉवर कार – 2 कुल 22 कोच

लम्बी दूरी की नॉन – प्रीमियम मेल/एक्सप्रेस और सुपरफास्ट गाड़ियाँ :-

क) जिनमे वातानुकूलित एवं गैर वातानुकूलित मिश्र आसन व्यवस्था हो ( मिश्र दुरांतों, सम्पूर्ण अनारक्षित जनसाधारण एवं अंत्योदय गाड़ियोंको छोड़कर ) – वातानुकूलित थ्री टियर – 6, वातानुकूलित टू टियर – 2, द्वितीय श्रेणी शयनयान स्लीपर – 7 , अनारक्षित द्वितीय श्रेणी – 4, पेंट्रीकार – 1, एसएलआर – 1 एवं पॉवर कार – 1 कुल 22 कोच

ख ) जिनमे वातानुकूलित एवं गैर वातानुकूलित मिश्र आसन व्यवस्था हो ( मिश्र दुरांतों, सम्पूर्ण अनारक्षित जनसाधारण एवं अंत्योदय गाड़ियोंको छोड़कर ) – वातानुकूलित थ्री टियर – 6, वातानुकूलित टू टियर – 2, वातानुकूलित प्रथम/ टू टियर – 1, द्वितीय श्रेणी शयनयान स्लीपर – 6 , अनारक्षित द्वितीय श्रेणी – 4, पेंट्रीकार – 1, एसएलआर – 1 एवं पॉवर कार – 1 कुल 22 कोच

चूंकि अब अधिकतम यात्री गाड़ियोंमे आधुनिक LHB कोच लगाए जा रहे है मगर कुछ स्टेशनोंपर उस संरचना नुसार बुनियादी सुविधाएं मौजूद नहीं है ऐसी स्थिति मे रेल प्रशासन स्थानीय मण्डलों से सम्पर्क कर मानकीकृत संरचना मे बदलाव कर गाड़ी चलवा सकता है। साथही यदि किसी यात्री गाड़ीमे पेंट्रीकार की आवश्यकता न हो और यात्रीओंकी आसन व्यवस्थाकी मांग हो तो भी उक्त अनुसार मानकीकृत संरचना ने बदलाव किया जा सकता है, अर्थात यह रेल प्रशासन की सम्मति के साथ ही संभव हो पाएगा।

उपरोक्त आदेश मे ट्विस्ट जब आया, जब लंबी दूरी की नॉन – प्रीमियम मेल/एक्स्प्रेस गाड़ियोंके संरचना मे रेल प्रशासन द्वारा सुधार का एक अलग ताजा परिपत्रक जारी किया गया। यह परिपत्रक CC/ No. 79/2022 dated 17/06/2022 को आया। उक्त पत्रक मे स्लीपर के 7 और 6 कोच की जगह 2 कोच का आदेश आया। इस नई मानकीकृत संरचना मे द्वितीय श्रेणी स्लीपर – 2, वातानुकूलित थ्री टियर/वातानुकूलित थ्री टियर इकॉनोमी – 10, वातानुकूलित टू टियर – 4, वातानुकूलित प्रथम/ टू टियर – 1, वातानुकूलित पेट्रीकार या अन्य – 1, द्वितीय श्रेणी – 2 एसएलआर – 1, पावर कार – 1 कुल 22 कोच

इसका अर्थ यह हुवा की 22 कोच की लम्बी दूरी वाली गाड़ियोंमे अब मानकीकृत संरचना मे द्वितीय श्रेणी के 2 स्लीपर कोच और 2 द्वितीय श्रेणी अनारक्षित? कोच याने कुल 4 कोच ही रहेंगे। यह समझ लीजिए की आम यात्री की लंबी दूरी की रेल यात्रा मे लम्बा खर्चा लगने वाला है। रेल जानकारों का यह मानना है, रेल प्रशासन अब लंबी दूरी के गाड़ियोंकी रफ्तार बढ़ाने जा रही है। आधुनिक LHB कोच जिनकी गति क्षमता 200 kmph है और उन्हे 130/160 तक के पटरियों पर दौड़ाने की तैयारी जोरोंपर है। ऐसी स्थिति मे गाड़ी की संरचना अधिकतम वातानुकूलित हो तो परिचालन मे हवा का अवरोध कम होगा और गाड़ी अपने समयानुसार अधिकतम गति के साथ चलाई जा सकेगी।

रही बात आम नागरिक के लंबी यात्रा की तो उसकी सस्ती वाली स्लीपर की 560 (7 X 80) घट कर मात्र 160 रह जाएगी और द्वितीय श्रेणी की सीटें 400 से घट कर 200 रह जाएगी। जहाँ स्लीपर क्लास मे अग्रिम आरक्षण के पहले दिन से प्रतीक्षा सूची लग जाती है वहाँ शायद अब पहले ही दिन no room की हालत का सामना करना पड़ेगा। वाह रे, अपग्रेडेशन!!

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