रेल विभाग अपनी यात्री सुविधाओं किस कदर ख्याल रखती है, नमूना देख लीजिए। 17613/14 पनवेल नांदेड पनवेल प्रतिदिन एक्स्प्रेस जो 1 वातानुकूल प्रथम, 1 वातानुकूल टू टियर, 2 वातानुकूल थ्री टियर, 2 द्वितीय श्रेणी 2 एसएलआर और 14 स्लीपर शयनयान कुल 22 कोच के साथ चलती है उस की संरचना को अचानक 22 कोच से घटाकर 15 कोच की करने जा रहा है। यह बदलाव 17614 नांदेड पनवेल एक्स्प्रेस मे दिनांक 06 से और 17613 पनवेल नांदेड एक्सप्रेस मे दिनांक 07 जुलाई से लागू हो रहे है। इसका कारण नांदेड मण्डल यह दे रहा है, दरअसल 12729/30 नांदेड हड़पसर द्विसाप्ताहिक गाड़ी मे बदलाव कर उसे 17629/30 किया गया है, नांदेड हड़पसर एक्सप्रेस के फेरे सप्ताह मे दो दिन की जगह पूरे सातों दिन करना और उसके रैक की लिंकिंग इस 17613/14 नांदेड पनवेल नांदेड एक्सप्रेस से करना बताया जाता है। इस संबंध मे जारी नांदेड मण्डल का परिपत्रक देखिए,

अब जरा 17613/14 पनवेल नांदेड पनवेल प्रतिदिन एक्सप्रेस की स्लीपर बुकिंग की तस्वीर भी देख लीजिए। 17613 पनवेल नांदेड एक्सप्रेस मे दिनांक 05 और 06 को RAC लगे हुए है जबकी गाड़ी मे 14 स्लीपर कोच लगाए गए है और दिनांक 07 से बुकिंग स्टेटस देखें वेटिंग 314! क्यों न हों? क्यू की दिनांक 07 जुलाई से स्लीपर के 14 डिब्बों की जगह मात्र 05 डिब्बे रह जाएंगे। लगभग यही स्थिति 17614 नांदेड पनवेल एक्सप्रेस मे भी बन रही है दिनांक 05 को मात्र 6 वेटिंग तो दिनांक 06 से लगभग 50 वेटिंग।


रेल प्रशासन का इस तरह अजीबोगरीब फैसला बिल्कुल समझ से परे है, की किस कदर यात्री सुविधाओं को मनमाने तरीके से बदल दिया जाता है। कहाँ 22 कोच की गाड़ी जिसमे 14 स्लीपर अर्थात 71 x 14 याने 1008 यात्री, यात्रा करते है वहीं 15 कोच की गाड़ी चलाई जाएगी जिसमे केवल 05 स्लीपर कोच रहेंगे याने LHB के 80 x 5 याने 400 यात्री, यात्रा कर पाएंगे। भला ऐसा कतई नहीं है की यात्री बुकिंग खाली जा रही हो, हम आपके सामने रेल्वे टिकट बुकिंग का ताजा चित्र दे रहे है।
रेल प्रशासन पता नहीं किस अंदाज मे काम कर रही है, 1008 यात्री शायिकाओं की जगह 400 यात्री शयिका की गाड़ी चलाने की हिमाकत कर रही है? जहाँ लगातार गाडियाँ बढ़ाने की मांग की जा रही हो, यात्री सुविधाओ के लिए जनता आक्रोशित हो ऐसे मे इस तरह के आसमानी – सुलतानी फैसले किस तरह लिए जा सकते है? यह न सिर्फ आश्चर्य की अपितु बेहद खेदजनक बात है।