आज ट्विटर पर एक ऑनबोर्ड यात्री जो 12650 हज़रत निजामुद्दीन यशवंतपुर सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस में यात्रा कर रहा था की उसने आईआरसीटीसी एवं सिकंदराबाद मण्डल अधिकारी से हेल्प, हेल्प की गुहार लगा दी। उस यात्री का मानना था, उसकी ट्रेन 12650 सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस अपहृत कर ली गयी है।


रेल प्रशासन तुरन्त हरकत में आ गयी। मगर बात दरअसल कुछ और ही थी। गाड़ी अपने नियोजित मार्ग से परावर्तित होकर अलग रास्ते चलाई जा रही थी और इसकी पूर्व सूचना यथास्थित दी गयी थी। 23 जून को ही हमने भी यह परिपत्रक अपने ब्लॉग पर लिया था। इसके अलावा रेल प्रशासन सम्बन्धित आरक्षित यात्रिओंको sms द्वारा सूचित करते है, उद्घोषणा भी की जाती है, डिस्प्ले बोर्ड पर भी जाहिर किया जाता है। रेलवे वेबसाइट, ऐप्स पर भी यथोचित सूचनाएं उपलब्ध है।

ऐसे में इस तरह का बवाल मचाकर अन्य रेल यात्रियों को डराना कौनसा उचित आचरण है?