मित्रों, क्या हो गया है हम पत्रकारोंको और उनकी तेज आकलन क्षमता को? कहीं कोई खबर सोशल मीडिया आयी नही की झट खबर बनाकर प्रिन्ट मीडिया में दाग देते है। प्रिन्ट मीडिया के पास भरपूर वक्त रहता है की वह खबर को जांचे, समझे और फिर उसे प्रकाशित करे। लेकिन नहीं, “ब्रेकिंग” वाले जमाने मे यह भी ब्रेकिंग मतलब तोडू खबरे डाल ही देते है। सैम्पल देख लीजिए,

एक बड़े लोकप्रिय दैनिक में यह खबर आई है, और यात्री बेचारे परेशान हो गए। वरिष्ठ नागरिकोंकी रियायत का मसला अभी अधर में ही है और इस खबर से तहलका मच गया की बच्चोंकी रियायत भी छीन गयी?
ऐसा नही है, पूरा परिपत्रक देख लीजिए जो CC 12 OF 2020 यह है,



इसमे स्पष्ट किया है, यात्री यदि अपने किसी भी उम्र के बच्चे के लिए बर्थ का आबंटन चाहता है तो उसे पूरी बर्थ का शुल्क अदा करना होगा। वहीं बिना शयिका आरक्षण किया जाता है तो 0 से 5 वर्ष से कम तक आयु को मुफ्त, 5 वर्ष पूर्ण से 12 वर्ष से कम तक आधा किराया देय होगा।
सिटिंग के आरक्षण में बच्चोंके लिए बिना अलग सीट्स का कोई पर्याय नही है। 2S, CC, EC इत्यादि सिटिंग वाले आरक्षण में पूरी सीट का पूर्ण वयस्क का किराया देय होगा।
विनाआरक्षण के द्वितीय श्रेणी में तो कोई विवाद है ही नही। वहां 5 वर्ष से कम का यात्री मुफ्त और 5 से 12 वर्ष से कम आयु का यात्री आधा किराया अर्थात 50% वयस्क किराये में रियायत यथावत देय है।
आशा है, यात्रिओंको बात समझ आ गयी होगी।