जैसे ही रेल विभाग द्वारा वातानुकूलित थ्री टियर श्रेणी के कोच में एक सुधारित आवृत्ति “इकोनॉमी” नामक कोच का अवतरण किया गया, नाम जानके यात्रीगण खुश हो गए थे। मगर रेल विभाग ने उनके तमाम किफायती यात्रा (इकोनॉमी शब्द का आम भारतियोंके लिए अभिप्रेत अर्थ) के सपने चकनाचूर कर दिए। नियमित वातानुकूलित थ्री टियर से मात्र 6 – 8 प्रतिशत कम किराया और उसमें बेडरोल उपलब्ध नही, ऐसी हालत में रेल विभाग की अविष्कारक इकोनॉमी कोच में यात्री संख्या गड़बड़ा गई। यात्री सोचते, जब घर से कम्बल, चद्दर ढोना है तो “इकोनॉमी” से आधे, एक तिहाई किराये के स्लीपर में ही क्यूँ न यात्रा कर ली जाए?
आखिरकार रेल प्रशासन के बात गले उतरी, की चद्दर, कम्बल टाल के यह डिब्बा चलेंगा नही और अब 20 सितम्बर 2022 से सभी इकोनॉमी वातानुकूलित थ्री टियर में चद्दर, कम्बल दिए जाएंगे। निम्नलिखित परिपत्रक देखिए,

इस इकोनॉमी वातानुकूल के बर्थ नम्बर, 81, 82 एव 83 पर यह लिनन का लदान होगा। मजे की बात यह है, जिन यात्री बन्धुओंको यह बर्थ अब आबंटित की जा चुकी है उन्हें रेल विभाग की आकस्मिक/स्टाफ/हेडक्वार्टर या VIP कोटे से दूसरी बर्थ दी जावेगी और आज ही से 120 दिन बाद कि तारीख या “नो बुकिंग डे” से यह बर्थ नम्बर ‘मि. लिनन’ के नामे हो गए है।
चलिए, फिर यात्रिओंकी पॉलिसी की जीत हुई और ‘इकोनॉमी’ में रेलवे के 3 बर्थ का टोटा हुवा।