हाल ही में दपुमरे SECR में रेल तिहरीकरण के चलते गाड़ियाँ रद्द की गई थी और दिनांक 04 अक्टूबर से मध्य रेल CR के सोलापुर मण्डल के दौंड – अहमदनगर के बीच रेल दोहरीकरण हेतु 32 गाड़ियाँ रद्द की गई।
ऐसे ही देशभर में त्यौहारोंका मौसम चल रहा है और ऐसी हालत में रेल प्रशासन की ओरसे अत्यल्प समयावधि में घोषणा कर गाड़ियोंके रद्दीकरण/डायवर्शन की सूची जारी कर दी जाती है। जिन यात्रिओंकी टिकटें महीनों पहले आरक्षित की गई है और ऐन यात्रा के दिन उन्हें पता चलता है की उनकी गाड़ी रद्द हो गयी है या उनका स्टेशन छोड़ते हुए किसी अन्य मार्ग से चलेंगी तो उनपर बहुत बुरी बीतती है। यात्रा करना जरूरी हो तो तुरन्त ही अन्य यातायात मार्ग तलाशने पड़ते है या अन्य मार्ग से रेल यात्रा का नियोजन करना पड़ता है। उस वक्त यात्रा खर्च दुगना, तिगुना कर के भी यात्रा सुयोग्य और सुरक्षित हो पाएगी इसकी निश्चितता नही ली जा सकती।
यह तो हाल जिनके रद्दीकरण घोषणा के ही दिन के टिकट हो उनके है मगर असली विडम्बना तो आगे है। रेल ब्लॉक का परिपत्रक जारी होते है यात्री संगठन, नेतागण सक्रिय होते है। रद्द की गई गाड़ियोंमे से यात्रिओंके आग्रह पर कुछ गाड़ियाँ रिस्टोर अर्थात पुनर्बहाल की जाती है और जिन यात्रिओंने रद्दीकरण की सूचनाएं देख कर अपने टिकट रद्द कर दिए थे, अन्य यातायात को औने पौने दाम देकर अपनी यात्रा का नियोजन कर लिया हो, वह अपना माथा पिट लेता है। क्योंकि उसने जिस गाड़ी की टिकटें रद्दीकरण की सूचना देखकर रिफण्ड ले लिया हो, उसे रेल प्रशासन ने रिस्टोर कर दिया है।
हे भगवान!! क्या अब वह फिर से उसी रेल गाड़ी का टिकट ले? क्या अब उसी तरह कन्फ़र्म टिकट मिल पायेगा? और उसने जो अल्टरनेट नियोजन किया है उसका क्या? कुल मिलाकर यह घनघोर अनिश्चितता और असमंजसता का वातावरण निर्माण हो जाता है।
हम यह नही कहते की रेल प्रशासन अपनी पूर्वसूचित गाड़ियोंको पुनर्बहाल नही कर सकता मगर परेशानी यह है, की यात्री रेल प्रशासन की इस ढुलमुल नीति का क्या करें? उसकी गाड़ी सूचना नुसार रद्द रहेंगी, प्रस्थान के तिथि तक सचमुच रद्द ही रहेगी या अचानक किसी (?) के दबाव में आकर अपने सुनियोजित, सुनिश्चित (?) रेल ब्लॉक में बदलाव कर गाड़ी को चला देगी?
राहत इन्दौरी साहब का शेर था, “बुलाती है, मगर जाना नही” उसी तर्ज पर आम यात्री कह सकता है, गाड़ियाँ रद्द हो सकती है, मगर टिकट कैंसिल करने का नई। सूचनाएं, नोटिफिकेशन निकलते है, लेकिन उनको गम्भीरता से लेने का नई! स्टेशनपर जाओ, खुद अपनी आंखोंसे गाड़ी चलेगी के नई चलेगी यह देखो! लिखिलिखाई, छपी छपाई बातों पर यकीन करनाइच नई!!
हाय रे किस्मत!!😢😢