आज देश की चौथी वन्देभारत, अम्ब अंदौरा – नई दिल्ली एक्सप्रेस का उद्धाटन माननीय प्रधानमंत्री जी करने जा रहे है।
अब तक वन्देभारत एक्सप्रेस के तमाम फ़ायदे उसके आधुनिक विशेषताओं के साथ हम सभी को लगभग याद हो गए है। यह देश मे निर्मित सेमी हाई स्पीड ट्रेनसेट है।
हम पहले ट्रेनसेट का औचित्य समझते है। ट्रेनसेट मतलब कहीं भी शंटिंग, अर्थात डिब्बा या लोको की जोड़-तोड़ करने की जरूरत नही। यह गाड़ी दोनोंही दिशाओंसे, जरूरत के मुताबिक ऑपरेट की जा सकती है। इसका अर्थ यह की गाड़ी की परिचालन क्षमता पुरेपुर उपयोग किया जा सकता है।
इस ट्रेनसेट का सबसे बड़ा वैशिष्ट्य यह है की निम्नतम समय मे तीव्रतम गति लेना और कमसे कम समय मे गाड़ी की गति को नियंत्रण में लाना। क्या आप समझ रहे, इसका भारतीय रेल किस तरह उपयोग कर सकती है? सेमी हाई स्पीड अर्थात 200 kmph की उच्चतम गतिसीमा की गाड़ी औसत 75-80 की गति में चलाई जा रही है, कई क्षेत्र में अभी पटरियां भी उच्च क्षमता गति के काबिल नही है वहाँपर भी यह ट्रेनसेट लॉन्च किये जा रहे है? इसका अर्थ यह है, रेल विभाग वन्देभारत ट्रेनसेट का उपयोग उसके वैशिष्ट्य के अनुसार करेंगी।
और यदि इस तरह से उपयोग होने जा रहा है तो मानकर चलिए, भारतीय रेल की कई इन्टरसिटी/मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट ऐसी समयसारणी से चलती है, जिनके लगभग प्रत्येक 25/50 किलोमीटर पर स्टोपेजेस पड़ते है। आज हर दूसरा स्टेशन अपने यहाँ स्टोपेज की माँग लेकर खड़ा है और क्यों न करे, आखिर प्रगती का मार्ग यातायात की गति, सुविधाओं से जो जुड़ा है। ऐसी अवस्था मे देश की रेलवे, छोटे मझौले स्टेशनोंके लिए एक नया अवसर उपलब्ध करा सकती है।
वैसे भी वन्देभारत यह अत्याधुनिक, वातानुकूलित ट्रेनसेट है और फिर यह नई शुरू की गई मेमू/डेमू क्या है? 😊 जी, सही समझे! वह भी ट्रेनसेट ही है और वन्देभारत के ट्रेनसेट में और उनमें केवल लग्जरी का ही फर्क है। वातानुकूल नही है, आलीशान आसन नही है, और इसी तरह के थोड़े लग्जरी आइटम्स कम होंगे मगर परिचालन क्षमता सब वही की वही है।
मतलब जो भविष्य ट्रेनसेट का आनेवाला है, उसमे वन्देभारत का मूल नाम T18 के नए नए सुधारित अवतार सामने आते जाएंगे। स्लीपर वर्जन आ सकता है, सेमी लग्जरी भी आ सकता है। रेलवे के साधारण वर्ग के लिए मेमू/डेमू ट्रेनसेट तो आ ही गए है जिनका परीक्षण एक्सप्रेस के तौर पर देशभर में चल निकला है।
बस, थोडासा इंतजार कीजिये! जैसे ही वन्देभारत के ट्रेनसेट का उत्पादन बढ़ेगा, हमारी नियमित मेल/एक्सप्रेस भी ट्रेनसेट में बदली जानेवाली है।