मित्रों, फरवरी 2023 से मुम्बई हैदराबाद मुम्बई हुसैन सागर और हैदराबाद मुम्बई हैदराबाद एक्सप्रेस के रैक मानकीकृत LHB होंगे। रैक मानकीकरण के नाम पर फिर से ग़ैरवातानुकूल कोचों की अमानवीय कटौती की जा रही है। यूँ तो फ़िलहाल इन दोनोंही गाड़ियोंकी कोच संरचना 01 वातानुकूल टू टियर, 03 वातानुकूल थ्री टियर, 10 स्लीपर, 03 द्वितीय श्रेणी और 02 एसएलआर ऐसे कुल 19 डिब्बों की है। जिसे LHB मानकीकरण के साथ फरवरी के प्रथम सप्ताह से मात्र 16 कोच का किया जा रहा है। और तो और गाड़ियोंकी मानकीकृत कोच संरचना 03 वातानुकूल टू टियर, 07 वातानुकूल थ्री टियर, 02 स्लीपर, 02 द्वितीय श्रेणी और 01 एसएलआर/ 01 पॉवर कार ऐसे कुल 16 डिब्बों की है।
जहाँ 01 AC टू टियर था उसे तिगुना याने 03 कोच, 03 AC थ्री टियर थे उसे 10 कोच याने 07 कोच बढ़ाये और स्लीपर के 10 कोचोंकी जगह केवल 02 कोच और द्वितीय श्रेणी के 03 कोच में भी कटौती हो कर 02 कोच, 02 एसएलआर की जगह 01 एसएलआर
आम यात्रिओंकी पूछे तो, हताशा भरे स्वर में कहते है, रेल प्रशासन स्लीपर और द्वितीय श्रेणी की जगह वातानुकूल कोच बढ़ा रही है इससे बेहतर तो पूरी गाड़ी ही संक्रमण काल मे चल रही थी उस प्रकार में आरक्षित कर चला दें। कमसे कम यात्री बिना आरक्षण, स्टेशनोंपर ही न आये।

वहीं परिपत्रक की मद 2. देखिए, 12791/92 सिकंदराबाद दानापुर सिकंदराबाद प्रतिदिन और 17005/06 हैदराबाद रक्सौल हैदराबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस की कोच संरचना का भी LHB मानकीकरण अप्रैल 2023 से करने की बात बताई गई है। यहॉं विषेश बात यह है, इनकी ग़ैरवातानुकूल या वातानुकूल कोचोंकी संख्या में कोई खासा बदलाव नही किया गया है। फिलहाल 9/10 स्लीपर कोच के साथ चलनेवाली यह गाड़ियाँ मानकीकरण के बाद 08 स्लीपर कोच और 02 द्वितीय श्रेणी कोच के साथ चलाई जायेंगी।
खैर, एक बात मन मे आयी सोचता हूँ आपसे साँझा कर ही लूँ, यह रैक मानकीकरण में वातानुकूल कोच की संख्या घटाना/बढाना इस तरह के अभ्यासपूर्ण (?) निर्णय के लिए रेल प्रशासन कौनसी समिति गठित करता है?