24 जानेवारी 2023, मंगलवार, माघ, शुक्ल पक्ष, तृतीया, विक्रम संवत 2079

भारतीय रेल के रेल मार्ग शहरों, गाँवों और बस्तियों के करीब से गुजरते है। जब जंगलों से गुजरते है तो वन्य पशु और बस्तियों के पास से गुजरते है तब मवेशियों का रेल लाइनोंके पास चरना या उसे पार करने का खतरा लगा रहता है। आसाम, पश्चिम बंगाल में हाथी पटरियों पर आ जाते है।
हमने देखा, मासूम और निरपराध जानवर यूँ ही पटरियोंपर तेज गति से आनेजाने वाली गाड़ियोंके चपेट में आकर अपना प्राण गवाँ बैठते है। चूँकि यात्री गाड़ियोंकी गति अब लगातार 90/110/130/150 kmph की रफ़्तार से बढ़ रही है। मालगाड़ीयाँ भी अब 60/75/90 की गति से चल रही है। रेल पर जानवर आ जाने से न सिर्फ जीव हत्याएं हो रही अपितु रेल गाड़ियोंका भी नुकसान हो रहा है। साथ गाड़ियोंकी आवाजाही में भी खलल पड़ता है। वन्य जीवोंके लिए अब कॉरिडोर बनाकर उनकी आवाजाही को सुगम किया जा रहा है। वहीं मवेशियों के लिए बाड़ का प्रावधान किया जा रहा है।
पश्चिम रेलवे ने मुम्बई – अहमदाबाद के 492 किलोमीटर लम्बे रेल मार्ग पर तक़रीबन 622 किलोमीटर लम्बी बाड़ लगाने योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। निविदाएं निकल कर काम आबंटित हो चुका है और जल्द से जल्द पूरा भी किया जाएगा। इसी तरह आगे चलकर सभी रेल मार्ग की बाड़बंदी की जाएगी ताकि रेलगाड़ीयाँ भी सुचारू रूप से चले और जानवरोंकी जीव हत्या भी न हो।