06 मार्च 2023, सोमवार, फाल्गुन, शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी/पूर्णिमा, विक्रम संवत 2079
यूँ तो आजकल भारतीय रेल के यात्री ऐसे ही बेहाली में यात्रा कर रहे है। लाख ट्वीट्स तस्वीरों सहित आये होंगे की शयनयान आरक्षित स्लीपर कोच में विनाआरक्षित अतिक्रमण कर रहे है मगर रेल प्रशासन है, की उनके कानों जूँ तक नही रेंगती है। उसमें आजकल आये दिन रेल अपग्रेडेशन का काम चलते रहता है और उस रेल ब्लॉक के चलते गाड़ियाँ रद्द/आँशिक रद्द या मार्ग परिवर्तन कर चला दी जाती है।
यहाँतक भी ठीक है, मगर रेल विभाग मुख्यालयोंका तालमेल कितना घटिया है, यह निम्नलिखित वाकये से हम आपको कराने जा रहे है।





अब हुवा यूँ है, पश्चिम रेलवे के परिपत्र अनुसार 16312 कोचुवेळी – श्रीगंगानगर का मार्गपरिवर्तन कर भोपाल , उज्जैन , नागदा , रतलाम , छायापूरी होकर है लेकिन ये गाड़ी पनवेल से भुसावल होते हुए भोपाल, उज्जैन से फतेहाबाद, रतलाम तक आयी और अब छायापुरी, अहमदाबाद होकर मारवाड़ न जाते हुए चित्तौड़ ,अजमेर होकर मारवाड़ जा रही है।
ऐसे में यात्रियों को यह पचा पाना पहले ही मुश्किल लग रहा था की गाड़ी फिर छायापुरी क्यों ले जाई जा रही है। अर्थात श्रीगंगानगर स्टेशन इस गन्तव्य तक ले जाने के लिए ईतना घुमाने क्या जरूरत है?खैर, यह पश्चिम रेलवे की सोच थी और वडोदरा, अहमदाबाद, पालनपुर, अबु रोड होते हुए मारवाड़ और आगे अपने गंतव्य श्रीगंगानगर जाएगी। अब गाड़ी 16312 पनवेल से भुसावल होते हुए भोपाल पहुंची और वहॉं कुछ यात्रिओंने गाड़ी का परावर्तित मार्ग समझा। गाड़ी का परावर्तित मार्ग अब उज्जैन, रतलाम, छायापुरी के बजाय उज्जैन, रतलाम, चित्तौड़गढ़, अजमेर होते हुए मारवाड़ जाएगी और वहॉं से अपना नियमित मार्ग पकड़ श्रीगंगानगर पहुंचेगी। परिपत्रक में डली गलत सूचना प्रसारित होने से वड़ोदरा, अहमदाबाद, पालनपुर, अबु रोड के यात्री तो परेशान है ही अपितु होली त्यौहार मनाने राजस्थान पहुंचने वाले प्रत्येक यात्री बेहाल हो गए है।
दिनांक 04 मार्च को कोचुवेली से दोपहर 15:45 को निकली यह गाड़ी क्रमांक 16312 कोचुवेली श्रीगंगानगर साप्ताहिक एक्सप्रेस 30 घण्टे चलकर समयपर पनवेल पहुंची और अब नियमित मार्ग से चलती तो बीकानेर पहुंचती गाड़ी अब तक रतलाम नही पहुंची है। और यहॉं पर भी उक्त यात्रिओंके हाल खत्म नही होने के आसार है। क्योंकी अब गाड़ी चित्तौड़, अजमेर होते हुए मारवाड़ जंक्शन जाएगी और वहाँ से अपने नियमित मार्ग से चलकर जोधपुर, बीकानेर होते हुए श्रीगंगानगर को जाएगी। कहीं आप अपना सिर तो नही न धुन रहे है? है न अजीबोगरीब परावर्तित मार्ग? और वह यात्री क्या करें जो पश्चिम रेल प्रशासन के घोषित परावर्तित मार्ग के भरोसे अपना टिकट रद्द न करते हुए गाड़ी में सवार हो चुके है?
मित्रों, परावर्तित मार्ग से चलनेवाली गाड़ियाँ बिना समयसारणी, बिना घोषित स्टोपेजेस के साथ केवल गन्तव्य स्टेशन तक पहुंचाने का दायित्व अदा करती है। ऐसी स्थिति में यात्रिओंके खानपान के बहुत बुरे हाल हो सकते है और उक्त गाड़ी के यात्रिओंके यही हाल हो भी रहे है।
रेल प्रशासन को चाहिए, की रेल ब्लॉक के चलते गाड़ियाँ अपने प्रारम्भिक स्टेशन से सम्पूर्णतः रद्द की जाती है तब तो ठीक है मगर परावर्तित मार्ग से चले तो गाड़ी कौनसे मार्ग से चलेगी और कौनसे नियमित स्टोपेजेस स्किप अर्थात छोड़ते हुए चलेगी इसकी समुचित जानकारी यात्री को दी जानी चाहिए। मात्र इस तरह के परिपत्रक निकाल (वह भी गलत जानकारी युक्त) यात्रिओंके हाल बदतर ही होना है।
इस सम्बंध में भोपाल स्टेशनपर उक्त गाड़ी के यात्रिओंने हंगामा भी किया जिसके वीडियो हम यहॉं साथ मे जोड़ रहे है।