15 अप्रैल 2023, शनिवार, वैशाख, कृष्ण पक्ष, दशमी, विक्रम संवत 2080
वन्देभारत एक्सप्रेस की सफलता से प्रेरित, भारतीय रेल वन्देभारत की छोटी आवृत्ति ‘वन्दे मेट्रो’ लाने की तैयारी में है।
वन्देभारत एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस की तर्ज पर एक ही दिन में अपना फेरा पूर्ण करती है। प्रस्थान स्टेशन से गंतव्य स्टेशन का अन्तर जो करीबन 400 से 750 किलोमीटर है, उसे औसत 80-100 kmph की गति से पूरा किया जाता है। यह औसत गति भारतीय रेल के नियमित सेवाओंमें फिलहाल सबसे उन्नत है। किसी भी दो बड़े उद्यमी या पर्यटन विशेष शहरोंको मात्र 5 से 7 घण्टे की समय सीमा के दायरे में लाने वाली यह प्रीमियम सेवा जल्द ही हवाई सेवाओं से स्पर्धा करते नजर आने वाली है। वन्देभारत एक्सप्रेस के बाद रेल प्रशासन अब ‘वन्दे मेट्रो’ को कौनसी अवधारणा के साथ लाने जा रहा है, देखते है।
‘वन्दे मेट्रो’ गाड़ी वन्देभारत एक्सप्रेस के 16 कोच के मुकाबले आधी अर्थात 8 कोच की रहेंगी। यह गाड़ी करीबन 100 किलोमीटर के दायरे में, किसी दो बड़े शहरोंको, दिनभर में 4 से 5 फेरे कर जोड़ेंगी। ‘वन्दे मेट्रो’, देश मे प्रचलित उपनगरीय सेवाओं में केवल दो शहरोंके बीच सीधा, तेज और नॉन-स्टॉप सम्पर्क यह विशेषता के साथ लाये जाने की संकल्पना दिखाई दे रही है। साथ मे यह सेवा किफायती भी रहेंगी ऐसा वादा रेल मन्त्री जी द्वारा किया गया है।
हमारे देश मे बड़े शहरोंमें व्यापार, व्यवसाय निमित्त या रोजगार, नौकरी कारणोंसे रोजाना चलनेवाले यात्रिओंकी बड़ी आवाजाही रहती है। उपनगरीय गाड़ियाँ मार्ग के सभी स्टापेजेस पर रुकती है। अतः बहुतसे यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए सीधे चलनेवाली मेल/एक्सप्रेस का रुख करते है। लम्बी दूरी की मेल/एक्सप्रेस में अग्रिम आरक्षण करना जरूरी रहता है और व्यापारियों, उद्यमियों की यात्रा अक्सर अकस्मात रहती है, ऐसी स्थिति में उन्हें गतिमान, सुरक्षित और तात्कालिक साधन की आवश्यकता रहती है। ‘वन्दे मेट्रो’ इन सारी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम रहेंगी। दो शहरोंके बीच 4 से 6 फेरे करनेवाली नॉन-स्टॉप तेज सेवा यात्रिओंके लिए बहुत बड़ी सौगात रह सकती है।
जो व्यवस्था वन्देभारत में है, अर्थात यात्रा में सुरक्षा, सुविधा, सरलता और सुगमता वहीं सारे अवधारणाओंके साथ ‘वन्दे मेट्रो’ इसी वर्ष के दिसम्बर अन्त तक भारतीय रेल के नेटवर्क में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।