30 अप्रैल 2023, रविवार, वैशाख, शुक्लपक्ष, दशमी, विक्रम संवत 2080
कल दिनांक 29 अप्रैल को धुळे – दादर विशेष गाड़ी का शुभारंभ हुवा और आज दिनांक 30 अप्रैल से यह त्रिसाप्ताहिक गाड़ी दादर से यात्री सेवा में नियमित हो जाएगी।
धुळे महानगर महाराष्ट्र का एक बड़ा शहर है। सड़क यातायात से समृद्ध है। यहाँ तीन नैशनल हाई वे NH-3, NH-6 और NH-252 का जंक्शन है। मुम्बई – आग्रा, सूरत – कोलकाता और संगरूर पंजाब – अंकोला कर्नाटक यह वे नैशनल हाईवेज है। यूँ तो धुळे रेल्वे स्टेशन भी है, मगर मुम्बई – भुसावल मुख्य मार्ग के चालीसगांव स्टेशन की 56 किलोमीटर शाखा रेल मार्ग (ब्रांच लाइन)से जुड़ा हुवा है। इसी वजह के चलते, धुळे से देश के प्रमुख शहरोंको जोड़नेवाली कोई सीधी गाड़ियाँ अब तक नही चली। बरसों तक धुळे से चालीसगांव जंक्शन होकर दादर के लिए 11057/58 पठानकोट एक्सप्रेस में स्लिप कोच चलते थे और हाल ही के वर्षोंमें पुणे के लिए 11039/40 महाराष्ट्र एक्सप्रेस में भी स्लिप कोच जोड़े जाने लगे थे। ZBTT शून्याधारित समयसारणी कार्यक्रम के तहत जब सारे स्लिप कोच एवं लिंक एक्सप्रेस को रद्द किया गया तो यह धुळे स्लिप कोच भी बन्द हो गए और धुळे की रही-सही सम्पर्कता चालीसगांव तक सिमट कर रह गई।
स्थानीय राजनेताओं के अथक प्रयासों से अब धुळे को सप्ताह में 3 दिन ही सही मगर फिर से मुम्बई कनेक्टिविटी मिलना शुरू हुई है। फिलहाल यह गाड़ी विशेष श्रेणी और सीमित अवधि के लिए मिली है और आशा है, की इसके फेरे भी बढ़कर प्रतिदिन हो और नियमित हो जाये। मुम्बई के साथ ही पुणे, नागपुर आदि स्टेशनोंके लिए भी धुळे से रेल सम्पर्कता बढ़े।
खैर, अब हम हमारे मुख्य विषय पर आते है। धुळे – दादर गाड़ी के शुभारंभ के वक्त अलग अलग माध्यमों में धुळे रेल सम्पर्कता की बातें उठी, जिसमें प्रमुखता से मनमाड़ – इन्दौर और धुळे (बोरविहीर – नरड़ाना) नए रेल मार्ग की बात सामने आई। धुळे – नरड़ाना 50 किलोमीटर का रेल प्रोजेक्ट मनमाड़ – इन्दौर 368 किलोमीटर रेल प्रोजेक्ट का ही हिस्सा है ऐसे कहा गया, मगर मध्य रेल के हालिया जारी पिंक बुक में यह दोनों प्रोजेक्ट सर्वथा भिन्न दिखाई दे रहे है। कृपया निम्नलिखित पृष्ठ के मद संख्या 07 एवं 14 देखिए,

हालाँकि दोनोंही प्रोजेक्ट मध्य रेल के पिंक बुक में मौजूद है, लेकिन दोनों भिन्न भिन्न मदों में चिन्हित किये गए है। फिलहाल धुळे – नरड़ाना 50.6 किलोमीटर की निविदाएं जारी हो चुकी है और यह प्रोजेक्ट निर्माण प्रक्रिया में भी आगे बढ़ चुका है। मनमाड़ – इन्दौर प्रोजेक्ट के लिए # लगाकर एक विशेष नोट डाली गयी है, “इस परियोजना पर खर्च/ वचनबद्धताए, सभी प्रक्रियाएं एवं आवश्यक मंजूरी प्राप्त होने के बाद ही की जाएगी” क्या इसका अर्थ ‘मनमाड़ – इन्दौर’ परियोजना अभी ठण्डे बस्ते में है, यह मान कर चलें?
जो भी हो, फिलहाल दृश्य यह है, चालीसगांव – धुळे – नरड़ाना एक सीधी लाइनसे जुड़ जाते है तो भी धुळे के रेल सम्पर्कता के लिए बड़ी उपलब्धि रहेगी। नरड़ाना स्टेशन सुरत – भुसावल रेल मार्ग का और चालीसगांव स्टेशन मनमाड़ – भुसावल रेल मार्ग का स्टेशन है। इससे पश्चिम रेल और मध्य रेल के दो मुख्य मार्ग सीधे जुड़ जायेंगे।