09 मई 2023, मंगलवार, जेष्ठ, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी, विक्रम संवत 2080
आज दिनांक 09/05/2023 को यात्री उपभोक्ता समिति (PAC) की बैठक संपन्न हुई।
इस अवसर पर भुसावल मंडल के मुख्य स्टेशन प्रबंधक ए. एम. अग्रवाल, मंडल वाणिज्य प्रबंधक ए. के. पाठक, वाणिज्य निरीक्षक प्रमोद सालुंखे, रेलवे सुरक्षा बल निरीक्षक डी. एच. पाटिल, मुख्य टिकट पर्यवेक्षक वी. एम. पाटिल, मुख्य पार्सल पर्यवेक्षक एवं उपभोक्ता समिति के समन्वयक कपोते इसके अलावा अन्य सदस्य दीपक साखरे, रेखा वर्मा, आनंद कोळी, मनोहर जाधव, दिशांत दोषी इन्होंने इस बैठक में यात्रियों के लिए निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की।

भुसावल – पुणे के बीच प्रतिदिन चलनेवाली हुतात्मा एक्सप्रेस में दो स्लीपर कोच लगाने का अनुरोध किया गया। फ़िलहाल इस गाड़ी में केवल सिटिंग कोच की ही संरचना है। चूँकि यह गाड़ी पुणे – मनमाड़ के बीच चलती थी तब दिन भर में अपनी यात्रा किसी इण्टरसिटी गाड़ी की तरह कर लेती थी, अब यह विस्तारित भाग में “ओवरनाइट” यात्रा करती है। ऐसी अवस्था मे कमसे कम 2 स्लिपर कोच इस गाड़ी में जोड़े जाने की माँग सर्वथा जायज़ है।
रेलवे स्टेशन पर जनरल टिकट व रिजर्वेशन टिकट खरीदने के लिए रेलवे विभाग द्वारा “यूटीएस” नामक एक मोबाइल एप तैयार किया गया है, जलगाँव रेलवे स्टेशन पर इस एप की जानकारी एवं जन जागृती की जाए।
जलगाँव रेलवे स्टेशन के बाहर रात नौ बजे से सुबह चार बजे तक ठेले और नाश्ते की गाड़ियाँ अगल-बगल, पूरे रेल आहाते को घेरे खड़ी रहती है, जिससे रेल यात्रियों को रात में काफी परेशानी हो रही है।
रेल्वे प्लेटफॉर्म पर “मे आई हेल्प यू/ क्या मैं आपकी मदत कर सकता हूँ” प्रकार का मदत केन्द्र, रेल प्रशासन द्वारा स्थापित किया जाना चाहिए ताकि यात्री अपनी परेशानी में रेल विभाग से सहायता ले सकें।
आज की बैठक में एक बार फिर भुसावल – पुणे के बीच एक नई ट्रेन शुरू करने की मांग की गई।
स्टेशन पर यात्रियों के लिए सुविधाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए रेलवे स्टेशन के सामने उपयुक्त बैनर लगाए जाने चाहिए।
राजस्थान – तेलंगाना ( बीकानेर – जोधपुर – सिकंदराबाद ) के यात्रियों के लिए प्रतिदिन ट्रेन शुरू की जाए।
गौरतलब यह है, रेल यात्री उपभोक्ता समितियों का दायरा केवल स्टेशन पर यात्रिओंके लिए उपयुक्त सुविधाओं का जायज़ा लेना, जो सुविधाएं उपलब्ध नहीं है या सही अवस्था मे नही है उन्हें पुनर्स्थापित करवाना इत्यादि तक सीमित है। मगर यात्रिओंकी गाड़ियोंको लेकर माँग इतनी तीव्र है, की स्टेशन उपभोक्ता समिति के सदस्यगण इनसे अछूते नहीं रह पाए। खैर, तकरीबन सभी PAC, उपभोक्ता समितियोंकी माँगे रेल गाड़ियों के परिचालन तक पहुंच ही जाती है।