20 मई 2023, शनिवार, जेष्ठ, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा, विक्रम संवत 2080
पश्चिम रेल WR प्रशासन हमेशा ही नए प्रयोग में अग्रसर रहता है, फिर वह विषय यात्री सुविधाओं हो या रेल परिचालन का। हवामान बदलाव के चलते दुनियाभर में कार्बन फुटप्रिंट कम करने पर जोर दिया जा रहा है। रेल विभाग अपने स्टेशनोंकी बिजली आपूर्ति हेतु छतों पर सोलर पैनल लगवा रहा है। पश्चिम रेलवे ने भी सोलर पैनल बिठा रखे है। इसी नीति के तहत पटरियों के बगल में मिनी विंड मिल, पवनचक्की स्थापित करना एक प्रयोगात्मक पहल है।

पश्चिम रेल्वेके मुम्बई मण्डलपर खार – नायगांव स्टेशनोंके बीच यह मिनी पवनचक्कियाँ स्थापित की गई है। रेल अधिकारियों का कहना है, जब पटरियोंसे तेजी से रेलगाड़ी गुजरती है तो उसकी हवा से यह पवनचक्की घूमेगी। पवनचक्कियों में सफेद, नीली टर्बाइन ब्लेड लगी है। हवा से यह ब्लेड घुमनेसे नीचे लगे विद्युत संयन्त्र कार्यान्वित हो जाएंगे और बिजली बनने लगेगी। चूँकि इनके सर्किट ऑनलाइन बिजली पारेषण से जुड़े होने से यह बिजली उसमे समाहित हो जाती है। इस तरह के प्रयोग से 1 किलोवॉट से लेकर 10 किलोवॉट तक की बिजली निर्माण करते आएंगी। यह विंड मिल परियोजना पूरे वर्षभर सभी वातावरण में काम कर सकती है। खास कर बरसात के दिनोंमें सोलर संयंत्रों से बिजली की निर्मिति कम होने लगती है।
फिलहाल यह विंड मिल प्रोजेक्ट प्रयोगात्मक स्तर पर चल रहा है।