25 मई 2023, गुरुवार, जेष्ठ, शुक्ल पक्ष, षष्टी, विक्रम संवत 2080
मित्रों, कृपया निम्नलिखित आरक्षण टिकट बारिकीसे देखिए,

यह ई-टिकट भारतीय रेल की आरक्षण वेबसाइट IRCTC से निकाली गई है। यात्रा की तिथि 15 सितम्बर 2023 और टिकट निकालने की तिथि 15 मई 2023 है। याने उपभोक्ता ने रेल प्रशासन द्वारा दी गयी 120 दिन पहले आरक्षण करने की सुविधा का पूर्णतयः उपयोग किया है।
देखनेवाली बात यह है, 120 दिन पहले आरक्षण खुलते ही, जो की सुबह 8:00 बजे खुला है, फुल्ली उपलब्धतता के साथ शुरू हुई आरक्षण लेने की प्रक्रिया केवल पौने दो मिनट में टिकट बनते वक्त प्रतिक्षासूची 1221/24 पहुंच गई।
इसका अर्थ यह है, 9 स्लिपर कोच के 720 बर्थ पूरे बुक होकर 1200 प्रतिक्षासूची धारक गाड़ी की आरक्षण सूची में जड़ गए। 😢 यही रेल आरक्षण प्रणाली का भीषण वास्तव, बीभत्सता है। क्या यह 1200 तक की प्रतिक्षासूची कन्फ़र्म में बदलेगी? कोई नासमझ भी बता देगा, कतई चान्स ही नहीं। फिर क्या तुक है, इतनी वेटिंग चलाने की?
हम रेल व्यवस्था को देखते है। बीते वर्षोमें किसी भी मार्ग की यात्री गाड़ियाँ, हद हो गई ज्यादा में ज्यादा दुगुनी हुई होंगी। यह भी हम उस रेल मार्ग की पराकाष्ठा अनुमानित कर बोल रहे है। मगर रेल यात्री कई कई गुना बढ़ गए है। रेलवे के लोकप्रिय मार्ग अपनी क्षमता से 150% अर्थात डेढ़ गुना क्षमतासे कार्य कर रहे है। ऐसे में आरक्षण की हालत यह न होगी तो क्या होगी?
हमारा यह ब्लॉग किसी भी राजनीति से प्रेरित नहीं है, हम केवल और केवल ‘रेल’ यही दृष्टिकोण मद्देनजर रखते हुए हमारे ब्लॉग में रचना करते रहते है। रेल विभाग बीते 7-8 वर्षोंमें अपने बुनियादी ढांचे के विस्तार में लगा है। विद्यमान सरकार इस दिशा में दूरदृष्टि रख, व्यापक कार्य कर रही है। अनेकों मार्ग पर सिंगल लाइन को दोहरीकरण, दोहरी लाइन को तीन और चार लाइन रेल नेटवर्क में युद्ध स्तर पर बदला जा रहा है। “DFC डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर” यह भारतीय रेल का सुवर्ण अंक है, जो बहुतांश मार्ग पर काम करने लग गया है, पुर्णत्व की ओर अग्रेसर है। रेल ऑटो-सिग्नलिंग का काम जगह जगह चल रहा है। इससे रेल ब्लॉक में ज्यादा गाड़ियाँ परिचालित की जा सकेंगी। स्टैंडर्ड कोच संरचना किये जाने से, प्रस्थान स्टेशन पर रैक की अनुलूब्धतता के कारण होने वाली देरी को टाला जा रहा है। तेज गति क्षमता सज्जित और कम रखरखाव वाली LHB गाड़ियोंके रैक के कारण गाड़ियाँ लम्बी दूरी के लिए उपलब्ध रहती है। सम्पूर्ण विद्युतीकरण और ‘नो शंटिंग पॉलिसी’ से भी गाड़ियोंके परिचालन में काफी फर्क आया है। यह तो बात हुई रेल यातायात के सुधारोंकी, अब आरक्षण प्रणाली पर विचार करते है।
जब आरक्षण खुलता है, फिर वह 120 दिनोंवाला अग्रिम हो या एक दिन पहले वाला तत्काल मिनटों नहीं सैकंडोंमे फुल्ल हो जाता है। रेल विभाग को चाहिए की 720 बर्थस पर ज्यादा से ज्यादा 25% प्रतिक्षासूची टिकट जारी करें। इसके बाद वह गाड़ी आरक्षण प्रणाली में “नो रूम” करार की जाए। यहाँसे परिचालन विभाग का काम शुरू होगा। वे मार्ग पर यदि सम्भव हो, विशेष गाड़ियोंकी घोषणा जल्द ही कर दे, सम्भवतः 90 दिन पहले। गौरतलब यह होता है, वाणिज्य विभाग के पास 120 पहले फुल हुई गाड़ियोंका लेखाजोखा होने के बावजूद परिचालन विभाग मात्र 2-4 पहले विशेष गाड़ियोंकी घोषणा करता है। इतना सब्र किसी भी यात्री के पास नही रहता और वह मजबूरन 8-15 पहले अपनी व्यवस्था किसी और साधन से कर लेता है।
दूसरा रेल जानकार अनेकोंबार रेल्वेकी PRS काऊंटर्स पर प्रतिक्षासूचीवाले टिकटधारी यात्रिओंकी, आरक्षित कोच में घूसखोरी के बारे में आपत्ति ले चुके है। यह रेल आरक्षण प्रणाली का बेहद खराब पहलू है। रेल PRS आरक्षण में बेतहाशा आबंटित प्रतिक्षासूची टिकट और आगे गाड़ी में चलनेवाले टिकट जाँच दल की उन प्रतिक्षासूची धारकोंपर कार्रवाई करने की असमर्थतता को उजागर करती है। यह रद्द हुए टिकटों पर यात्री अपनी धनवापसी करे बगैर आरक्षित कोचों में घुसकर यात्रा करते रहता है और रेल टिकट जाँच दल उनपर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करते। 4 माह पहले आरक्षण कर चुके यात्रिओंके प्रति रेल विभाग की यह घनघोर अनास्था है। PRS टिकट पर प्रतिक्षासूची का आबंटन तुरन्त बन्द किया जाना चाहिए इसके सिवा दूसरा कोई विकल्प सामने नजर नहीं आता तब ही ऐसे यात्रिओंपर अंकुश लग पायेगा।
चलिए, आज बहुत बातें हो गयी। बस आशा है, रेल विभाग अपने ऐसे 1200 वेटिंग वाले टिकट देखें और शर्मिंदगी से ही सही, अपनी यात्री यातायात व्यवस्थाओं में कुछ ठोस सुधार करने का प्रयास करें।
Modi ji and rail mantri ji aap se vinmra nivedan hai ki Doo (two) train badnaseebo ke liye bhee chalyen.
1 Nagpur to Gorakhpur ( via lucknow)
2 Nagpur to Kashi (via Prayagraj)
Aap ki aati kripa hogi.
Kripya Mera massage Bharat sarkar Tak pahuchaye.Dhanyabad
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