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और दो जोड़ी गाड़ियोंमे मानक कोच संरचना के चलते ग़ैरवातानुकूलित वर्ग की बलि

निम्नलिखित परिपत्रक देखिए,

17206 काकीनाड़ा पोर्ट साइ नगर शिर्डी त्रिसाप्ताहिक एक्सप्रेस दिनांक 01 मार्च से और 17205 साईं नगर शिर्डी काकीनाड़ा पोर्ट त्रिसाप्ताहिक एक्सप्रेस दिनांक 02 मार्च से 11 द्वितीय श्रेणी शयनयान स्लीपर की जगह मात्र 02 स्लीपर रह जाएंगे।

ठीक इसी रैक, कोच संरचना के साथ 12755/56 काकीनाड़ा पोर्ट – भावनगर टर्मिनस – काकीनाड़ा पोर्ट साप्ताहिक एक्सप्रेस भी मार्च के 02 और 03 तारीख से मात्र 02 शयनयान स्लीपर के साथ चलेंगी।

मित्रों, रेल प्रशासन लगातार स्लीपर कोच गाड़ियोंकी संरचना से कम करते जा रही है। सर्व साधारण यात्री जो कम दूरी की यात्रा करता है, ऐसी संरचनाओं में इन गाड़ियोंमे यात्रा कतई नही कर पाएगा।

वातानुकूलित कोचोंमे न्यूनतम किराये ₹470/- से ₹625/- और न्यूनतम दूरी 300 किलोमीटर के रहते बताए भला कौन सा कम दूरी का यात्री इस तरह की संरचना में टिकट आरक्षित कर पाएगा और यात्रा भी कर पाएगा?

सही बात तो यह है, कम दूरी के यात्रिओंको लम्बी दूरी की गाड़ियोंसे दूर रखने का रेल प्रशासन का शायद यही तरीका है। हर्ज नही, मगर कम अन्तर की डेमू/मेमू, सवारी गाड़ियाँ, इंटरसिटी गाड़ियाँ इनकी बारम्बारता का ख्याल अवश्य रखा जाना चाहिए! अन्यथा फिलहाल जिस तरह आरक्षित स्लीपर कोचों की जनरल हालत हो रही है, कहीं वातानुकूलित कोचों की न होना शुरू हो जाये।

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