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विस्तृत समयसारणी कोंकण रेलवे मॉन्सून 2023

07 जून 2023, बुधवार, जेष्ठ, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी/पंचमी, विक्रम संवत 2080

कोंकण रेलवे पर प्रत्येक वर्ष के मॉन्सून काल 10 जून से 31 अक्तूबर तक नियमित समयसारणी से थोडे धीमे परिचालन की समयसारणी लागू रहती है। इस 2023 सीजन की मॉन्सून समयसारणी का परिपत्रक कोंकण रेल प्रशासन द्वारा जारी हो चुका है, कुल 34 जोड़ी गाड़ियाँ है, जिसे हम प्रस्तुत कर रहे है। दरअसल यह पोस्ट 15 मार्च 2023 को प्रसारित हो चुकी है, चूँकि मॉनसून समयसारणी 10 जून से लागू होगी अतः इसे पुनः प्रसारित किया जा रहा है।

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इगतपुरी – भुसावल – बड़नेरा खण्ड पर 130kmph गतीसे गाड़ियाँ दौड़ेंगी।

07 जून 2023, बुधवार, जेष्ठ, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी/पंचमी, विक्रम संवत 2080

अभी भारतीय रेल पर मानक गति MPS 130kmph है और देश के सबसे पुराने क्षेत्रीय रेलवे के भुसावल मण्डल, अपने क्षेत्र में सबसे पहले यह अनुज्ञप्ति प्राप्त मण्डल बनने जा रहा है।

इगतपुरी से बड़नेरा भुसावल होते हुए 526 किलोमीटर का यह खण्ड अब अपनी मुख्य लाइनोंपर 130 किमी/घण्टा से गाड़ियाँ दौड़ा पायेगा। पूरे खण्ड में जहाँ पर भी तीसरी, चौथी रेल लाइनें बनी है उन्हें यह गतीसीमा लागू नही रहेगी। उन लाइनोंपर गाड़ियाँ यथावत गति से चलाई जाएंगी।

यात्रीगण, यह बात समझ ले, देशभर में लगभग सभी गाड़ियाँ LHB रैक से अद्यावत की गई है, की जा रही है। इसी तरह मेमू गाड़ियाँ भी तीव्र पीकअप क्षमतावान है। यह गाड़ियाँ 0 से तेज गति बड़ी तीव्रता से पकड़ लेती है, अतः चलती गाड़ियोंमे चढ़ना/उतरना, खुले दरवाज़ों के पास हुड़दंग मचाना जानलेवा हो सकता है। LHB रैक की गति क्षमता 200kmph की है और पुराने ICF रैक की 110 kmph समझदार बने और अपनी रेल यात्रा सुरक्षित तरीकेसे करें।

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मुम्बई – नई दिल्ली के बीच वातानुकूल सुपरफास्ट विशेष के तीन फेरे

07 जून 2023, बुधवार, जेष्ठ, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी/पंचमी, विक्रम संवत 2080

09003 मुम्बई सेंट्रल नई दिल्ली वातानुकूल विशेष दिनांक 09, 16 एवं 23 जून को प्रत्येक शुक्रवार को रवाना होगी और वापसीमे 09004 नई दिल्ली मुम्बई सेंट्रल वातानुकूल विशेष दिनांक 10, 17 एवं 24 जून को प्रत्येक शनिवार को रवाना होगी।

गाड़ी की संरचना में 01 वातानुकूल प्रथम, 05 वातानुकूल टू टियर, 04 वातानुकूल थ्री टियर, 04 वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी, 01 एसएलआर और 1 जनरेटर/लगेज वैन कुल 16 कोच रहेंगे।

यह विशेष गाड़ी, अतिरिक्त किराया दर पर चलाई जाएगी।

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अजनी – अमरावती – अजनी सुपरफास्ट इण्टरसिटी का अब मेमू रैक से परिचालन

07 जून 2023, बुधवार, जेष्ठ, कृष्ण पक्ष, चतुर्थी/पंचमी, विक्रम संवत 2080

12119/20 अजनी – अमरावती – अजनी सुपरफास्ट इण्टरसिटी सप्ताह में छह दिन, पुराने द्वितीय श्रेणी कोच से परिचालित की जा रही थी। दिनांक 10 जून से इसमे बदलाव किया जा रहा है। पुराने द्वितीय श्रेणी कोच और लोको द्वारा संचालित व्यवस्था को हटाकर नई आधुनिक सेल्फ प्रोपल्ड यानी लोको अंतर्भूत मेमू रैक से संचालित किया जाएगा।

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री की यह मेमू ट्रेन सेट 110 से 130 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने में सक्षम है। आठ कोच की इस मेमू में 1,600 यात्री सवार हो सकते हैं। (यह लोडिंग कैपेसिटी है, सिटिंग अर्थात सीट्स कम ही है।) इस ट्रेन में थ्री फेज ट्रैक्शन मोटर है और यह 25 kV करंट पर चलती है जिससे 35% ऊर्जा की बचत होती है। यह जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली और डिब्बों में उद्घोषणा प्रदान करता है।

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इस्तीफ़ा दीजिए….

04 जून 2023, रविवार, जेष्ठ, शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा, विक्रम संवत 2080

कितना सहज है, मुँह उठाकर यह कह देना की इस्तीफा दे दीजिए?

कहाँ तक उचित होगा की युद्धजन्य परिस्थिति है, 300 के करीब जानें जा चुकी है, हज़ार से ऊपर घायल है और मुखिया हाथ ऊपर कर दे, हमसे देखा नहीं जाता या हाँ, नैतिकता (?) की आड़ लेकर परे हट जाए?

परिस्थिति क्यों बिगड़ी यह जानने, समझने की जितनी जिज्ञासा आम लोगों को है उससे कई ज्यादा जानने का हक़, अधिकार उस मुखिया का है, जिसका इस्तीफ़ा मांगा जा रहा है। आखिर वह भी तो समझे, हादसे के पीछे उसके कर्मी की लापरवाही है या कोई साज़िश है? तकनीकी कमी है या मशीनों का मालफंक्शन?

यह बात निश्चित है, इतने बड़े दुःखद प्रसंग का बोझ किसी भी मुखिया को वहन करना, कतई आसान नही होगा।

सर्वप्रथम कार्य है पीड़ितों को संवारना, दिलासा देना मगर हम तो हम है, मुँह उठाये और चढ़ा दिए प्रमुख को सूली। भई, इस्तीफा होना। तब भी नैतिकता दिखाए और इस्तीफा दिए थे, आज भी ऐसा ही होना चाहिए, तुरन्त इस्तीफ़ा दीजिए ताकि हम हमारी अगली चाल चलाए, पाँसे फेंके, कौड़िया जोड़ें!

घटना बहुत पीड़ादायी है, दृश्य बेहद विचलित करने वाले है। घटनाक्रम मात्र 30 सेकण्ड का था और मन्जर भयावह! चेतने का इतना सा भी वक्त काल ने किसी को नही दिया।

रेल कर्मी, संसाधन, सिग्नलिंग, तकनीकी विभाग, रखरखाव विभाग सब के सब जाँच के कटघरे में है। अनियमतता और घातपात दोनों मुद्दे कसौटियों पर परखे जाने है। थोड़ा वक्त जाएगा, लेकिन हर भेद खुलेगा।

नतीजों का इंतज़ार तो कर लीजिए, फिर लगे तो यह बताईएगा, हमने तो पहले ही कहीं थी….इस्तीफ़ा दो!