13 जुलाई 2023, गुरुवार, श्रावण, कृष्ण पक्ष, एकादशी, विक्रम संवत 2080
कहीं आप हेडलाइन देखकर चौंक तो नही गए? हम 11025/26 पुणे भुसावल पुणे के बीच प्रतिदिन चलने वाली हुतात्मा एक्सप्रेस की बात कर रहे है।

31 मार्च 2008 में इस गाड़ी का उद्धाटन हुवा था और विशेष रूप से यह गाड़ी पुणे और नासिक के बीच यात्रिओंकी भारी मांग के चलते चलाई गई थी। चूँकि नाशिक स्टेशन पर रेल गाड़ी के रखरखाव की व्यवस्था उपलब्ध न होने के कारण इसे मनमाड़ तक चलाया जा रहा था। मनमाड़ स्टेशन पर गाड़ी के रैक का ‘लाई-ओवर पीरियड’ इतना था की उसे मनमाड़ स्टेशन पर घंटो व्यर्थ खड़े रखने की बजाय भुसावल जंक्शन तक खींच लिया गया। यह विस्तार 01 जुलाई 2012 से आरंभ हुवा।

इस विस्तार के कारण भुसावल परिसर के रेल यात्रिओंको मुम्बई के कल्याण, पनवेल और नाशिक, पुणे की बीच यात्रा करने के लिए एक आसान, किफायती और सुलभ यातायात व्यवस्था प्रतिदिन उपलब्ध हो गयी। स्थानीय राजनेताओं के पुरजोर प्रयासोंसे इस गाड़ी में 1 वातानुकूल थ्री टियर और दो स्लिपर कोच की भी व्यवस्था करवाई गई, जो यात्रिओंमें बेहद लोकप्रिय हुई।
संक्रमण काल मे देश भर की काफी यात्री गाड़ियाँ, लगभग वर्षभर रद्द रही। उसी समय से इस गाड़ी को रेल विभाग ने बली का बकरा बनाकर रख्खा है। हालाँकि उपरोक्त विशेषण गाड़ी के नाम ‘हुतात्मा’ को बिल्कुल ही ठीक नही है अतः हम उसे ‘हौतात्म्य’ कह रहे है। हौतात्म्य याने सर्वोच्च बलिदान और हुतात्मा याने बलिदानकर्ता।
यह गाड़ी जो यात्रिओंमें इतनी लोकप्रिय है, नाशिक – पुणे के बीच एकमेव यात्री सम्पर्क कराती है, रेल प्रशासन का एकदम ‘सॉफ्ट टारगेट’ है। जब रोजाना कई गाड़ियाँ, कल्याण – पनवेल – कर्जत होकर चलाई जा सकती है, तो इस गाड़ी को चलाने में प्रशासन का क्या बाधा आ रही है, यह समझ से बिल्कुल परे है।
नाशिक के जनप्रतिनिधियों ने रेल प्रशासन को इस मामले में बड़ी खरी-खोटी सुनाई है। गाड़ी के नियमित मार्ग नाशिक, कल्याण, पनवेल, कर्जत को परिवर्तन कर मनमाड़ – दौंड होकर चलाने के चर्चाओं पर भी भारी आपत्ति जताई है, साथ ही गाड़ी को तत्काल रूप में पुनर्स्थापित करने की पुरजोर माँग की है।
सच बात तो यह है, ‘गरीब की लुगाई, गाँव की भौजाई’ वाली कहावत यहाँ सटीक बैठती है। सिटिंग वाली इंटरसिटी गाड़ी के जनसामान्य यात्रिओंके लिए कौन भला आवाज़ उठाए? बड़ी मुद्दत के बाद ही सही मगर नाशिक के जनप्रतिनिधियों ने जनता के क्षोभ एवं परेशानी को समझा। आशा है, रेल अधिकारी भी इन बातोंको समझे और उचित कार्रवाई कर गाडीको फिर पटरी पर ले आए तो आम यात्रिओंके लिए बेहतर होगा।
Photo courtesy : indiarailinfo.com
