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‘वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे रियायत’ मा. रेल मन्त्री का उत्तर

11 फरवरी 2024, रविवार, माघ, शुक्ल पक्ष, द्वितीया, विक्रम संवत 2080

वरिष्ठ नागरिकोंकी रेलवे रियायत संक्रमण काल से स्थगित (?) बन्द कर दी गयी है। संक्रमण काल मे रेल यात्री व्यवस्था में संक्रमण की रोकथाम हेतु व्यापक बदलाव किए गए थे। जनरल, द्वितीय श्रेणी के अनारक्षित टिकट पर रोक लगी थी और सारे अनारक्षित यात्री टिकट को 2S याने आरक्षित सिटिंग में बदल दिया गया था। सभी यात्री गाड़ियाँ केवल आरक्षित यात्रिओंकी यातायात कर रही थी। इसी के चलते सभी अनारक्षित गाड़ियाँ जो अमूमन  छोटे स्टेशनोंपर रुकनेवाली सवारी गाड़ियाँ थी, अस्थायी स्वरूप में बन्द कर दी गयी। चूँकि यह सारा नियोजन, व्यवस्था अस्थायी, कुछ समय तक था, जिसे कुछ अवधि के बाद धीरे धीरे खोल दिया गया। मगर … मगर नही खुली वह सवारी किरायों वाली गाड़ियाँ, नही खुले वह रियायती टिकट जो वरिष्ठ नागरिकोंको 50 % एवं 40 % तक रेल किरायोंमें रियायत प्रदान करती थी।

आज उस स्थिति को लगभग 4 वर्ष पूरे हो जाएंगे। वरिष्ठ नागरिक आज भी उन रियायती किरायोंकी अस्थायी स्थागिति के हटने की राह जोत रहे है, ग्रामीण, कस्बों में रहनेवाले छोटे स्टेशनोंके रेल यात्री अपनी सवारी किरायों वाली गाड़ियोंके पुनर्स्थापना होने की आस लगाए बैठे है।

इसी बीच लोकशाही के मंच, संसद के सदनोंमें लोकनेताओं ने जनता की गुहार, मांग को रेल मंत्रालय के सामने प्रस्तुत की। हाल ही में मिज़ोरम के सांसद सी. लालरोसांगा ने इस प्रश्न को उपस्थित किया और मा. रेल मन्त्री ने उसका उत्तर भी दिया। हम निम्नलिखित सांसदीय कार्यवाही के प्रश्नोत्तर, सबन्धित मंत्रालय के सौजन्य से प्रस्तुत कर रहे है।

भारत सरकार रेल मंत्रालय

लोक सभा अतारांकित प्रश्न सं. 820 का उत्तर 07.02.2024 को दिया जाएगा

वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेलवे रियायत

  1. श्री सी. लालरोसांगाः

क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(ए) क्या सरकार के पास वरिष्ठ नागरिकों के लिए ट्रेन रियायतें बहाल करने का कोई प्रस्ताव है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(बी) क्या स्लीपर और 3एसी क्लास में वरिष्ठ नागरिकों को विशेष मामले के रूप में ये रेलवे रियायतें दी जा सकती हैं, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं; और

(ग) इसे कब तक दिए जाने की संभावना है?

उत्तर

रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री

(श्री अश्विनी वैष्णव)

(ए) से (सी): भारतीय रेलवे हमेशा समाज के सभी वर्गों को सस्ती सेवाएं प्रदान करने का प्रयास करता है और 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ की सब्सिडी दी। यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 53% की रियायत देता है। यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी है. इसके अलावा, इस सब्सिडी राशि से परे रियायतें कई श्रेणियों जैसे विकलांग व्यक्तियों (दिव्यांगजनों) की 4 श्रेणियों, रोगियों की 11 श्रेणियों और छात्रों की 8 श्रेणियों के लिए जारी हैं।

सीधी और स्पष्ट भाषा इस उत्तरका अर्थ यह होता है, रेल विभाग वरिष्ठ नागरिकोंकी रेल किराया रियायत पुनर्स्थापित करने के मूड में नही है। रेल विभाग कहता है, वह सभी यात्री सेवा में, सभी यात्रिओंको सब्सिडाइज्ड किरायोंमें यात्रा करवा रही है अतः अतिरिक्त रियायत देने की स्थिति नही है और उपरोक्त परिस्थितियों में भी वह दिव्यांग और रोगी यात्रिओंको और छात्रोंको अलग अलग रियायतें जारी रख रही है।

हालाँकि यह रियायती किरायोंके अलावा सवारी गाड़ियोंकी और उनके श्रेणी के किरायोंकी बात पर कोई चर्चा सामने नही आई है। आपको बता दें, भारतीय रेलवे में सवारी गाड़ियोंकी अलग किराया श्रेणी थी जिसको आज तक बिना किसी सूचना के बन्द किया गया है। गौरतलब यह है, कोई भी गाड़ी तमाम नेटवर्क में ‘सवारी गाड़ी’ के नाम पर नही चल रही है। सभी पूर्व सवारी गाड़ियोंका रूपांतरण मेमू एक्सप्रेस में किया जा चुका है। अब यह बात और है की बीती सवारी गाड़ियोंमें और इन दुगुने किरायोंकी मेमू एक्सप्रेस गाड़ियोंके परिचालन समय मे कोई विशेष फर्क नही आया है। एक तरह से रेल यात्री अपने आप को ठगा सा महसूस करने लगे है।

भारतीय रेल यह देश मे यात्री यातायात का अब तक सरल, सुगम और किफायती साधन रहा है। अब तक छोटे स्टेशनोंके बीच सवारी गाड़ी की सेवा ग्रामीणों के लिए, सस्ते किरायोंमे उपलब्ध थी और जब अचानक उनके रेल किराए न्यूनतम ₹10/- से बदलकर ₹30/- हो जाए तो कैसे झटका नही लगे?औसतन 30, 35 किलोमीटर प्रति घण्टे से चलने वाली गाड़ियाँ अभी भी वहीं औसतन गति कायम रखते हुए अब एक्सप्रेस के किरायोंमे तब्दील हो गयी और कहीं कोई पूछ नही, सुनवाई नही और न ही कहीं इसकी चर्चा! कुछ अजीब नही है?

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