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मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट गाड़ियों में अनिवार्य रूप से चार कोच द्वितीय अनारक्षित GS लगाए जाएंगे।

29 जून 2024, शनिवार, आषाढ़, कृष्ण पक्ष, अष्टमी, विक्रम संवत 2081

सामान्यतः भारतीय रेल में आम रेल यात्री के लिए मेल/एक्सप्रेस/सुपरफास्ट गाड़ियाँ उसके 200 से 500 किलोमीटर की अकस्मात यात्रा के लिए उपयुक्त मानी जाती है। मगर मानक कोच संरचना के तहत रेल प्रशासन ने ऐसी कई यात्री गाड़ियोंको लगभग पूर्णतः वातानुकूलित गाड़ियोंमे बदल कर रख दिया था। द्वितीय श्रेणी के नाम पर दो स्लिपर और अनारक्षित श्रेणी के नाममात्र एक या दो कोच कुछ गाड़ियोंमे बचे रह गए थे। आम रेल यात्रिओंको इससे बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

ऐसे ही नियमित रेल गाड़ियोंमे साधारण आरक्षण करने में बड़ी परेशानियाँ होती है। तत्काल टिकटें भी चन्द मिनटों में ‘नो रूम’ हो जाती है। ऐसी स्थिति में आम यात्रिओंको केवल अनारक्षित टिकट लेकर यात्रा करना ही एकमात्र विकल्प बच जाता है।

यहाँ रेल प्रशासन की मानक कोच संरचना के चलते सम्पूर्ण गाड़ी में मात्र एक या दो अनारक्षित कोच यात्रिओंके लिए उपलब्ध होते थे, जो गाड़ी के प्रारम्भिक स्टेशन से ही फुल्ल हो जाते थे। इन परिस्थितियों में अनारक्षित टिकट धारक यात्री साधारण कोच में नही चढ़ पाता था और केवल मजबूरी में, उसे आरक्षित कोच की ओर रुख करना पड़ता था। एक तरफ रेल प्रशासन अमर्याद रूप में अनारक्षित टिकट बेचती है और दूसरी तरफ अपने गाड़ी संरचना वमे वह कोच लगातार घटा रही थी। हालात यह होने लगी थी, अनारक्षित यात्री अब आरक्षित कोच  यहाँतक की वातानुकूल कोच में अनाधिकृत प्रवेश करने लगे थे। आरक्षित यात्रिओंकी शिकायतें बढ़ने लगी और रेल प्रशासन के अपने नियमपालन में कडाई लाने का निर्णय लिया। इससे प्रतिक्षासूची के यात्री, अनारक्षित टिकट धारकोंकी यात्रा करना ही असम्भव सा हो गया। रेल यात्रिओंके आक्रोश को देखते हुए आखिरकार रेल प्रशासन ने निर्णय लिया, तकरीबन आठ सौ गाड़ियोंमे अनिवार्य रूप से कम से कम चार अनारक्षित द्वितीय श्रेणी के कोच जोड़े जाए। यह चार कोच एसएलआर /महिला कोच या दिव्यांग कोच के अलावा रहेंगे। हालाँकि यह नियोजन भी पर्याप्त नही है।

रेल विभाग को लम्बी दूरी के गाड़ियोंमे नियोजन बद्ध तरीकेसे अनारक्षित कोच को आरक्षित 2S याने द्वितीय श्रेणी सिटिंग में बदलना होगा, तभी इन गाड़ियोंमे अनाधिकृत यात्री संख्या पर नियंत्रण लाया जा सकेगा। 300 से 500 किलोमीटर की यात्रा के लिए अनारक्षित मेमू इंटरसिटी गाड़ियाँ चलाना जरूरी हो गया है। वन्देभारत श्रेणी की गाड़ियोंमे आम यात्रिओंका यात्रा करना आसान नही है। उसकी आमदानी से वह इन गाड़ियोंका मेल नही बैठा पाता। उसका साधारण टिकट, सीजन पास से तालमेल बैठ चुका है।

सर्वसाधारण मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट गाड़ियोंमे जनरल कोच की संख्या अब अमूमन चार कोच की रखी जाएगी। इस कड़ी में उत्तर पश्चिम रेलवे NWR ने उक्त बदलाव की सूची जारी की है। इसमे दस जोड़ी गाड़ियोंमे स्थायी रूप से वातानुकूलित थ्री टियर कोच को कम कर के उसके स्थान पर GS द्वितीय श्रेणी साधारण अनारक्षित कोच लगाया जा रहा है।

यात्रीगण उक्त बदलाव ARP अर्थात एडवांस रिजर्वेशन पीरियड, अमूमन 120 दिनोंकी तिथि के बाद से शुरू होगा।

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