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किसी स्टेशन से सीधे गुजरने वाली गाड़ियाँ, यदि नियमित स्टोपेज ले ले तो यात्री सुविधा ही होगी न! क्या इतना आसान है रेल विभाग के लिए स्टोपेज को स्वीकृति देना?

29 अगस्त 2024, गुरुवार, भाद्रपद, कृष्ण पक्ष, एकादशी, विक्रम संवत 2081

संक्रमण काल के बाद, बन्द की गई अनेकों यात्री सेवाएं फिर बहाल हुई तो उनकी चाल-ढाल कुछ बदली सी थी। स्टोपेजेस रद्द किए गए थे, समयसारणी बदली गई थी और अनेकों रोजमर्रा के रेल यात्रिओंकी दिनचर्या, बजट बिगाड़ने वाली थी।

सवारी गाड़ियाँ मेल/एक्सप्रेस श्रेणियोंमे बदली गई। उनके कई छोटे स्टेशनोंके स्टोपेजेस रद्द किए गए। यहाँतक की नियमित मेल/एक्सप्रेस के भी कई स्टोपेजेस रद्द किए गए। आम रेल यात्री सकते में था, अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए छटपटाने लगा। ज्ञापन, निवेदन, पत्राचार से शुरू हुए स्टोपेजेस को नियमित करने की माँगोका यह सिलसिला धरना, उपोषण आंदोलन तक बढ़ गया। सम्बंधित राजनयिकों ने अपने अपने क्षेत्र के जनता के उग्र तेवरों की सुध लेते हुए फिर से स्टोपेजेस बहाल करवाए।

मित्रों, किसी भी सीधी, बिना रुके चलनेवाली यात्री गाड़ी को कोई स्टेशनपर महज दो मिनट का स्टोपेज लेने में ऐसी कौनसी बड़ी दिक्कत है, की रेल प्रशासन की भँवे तन जाती है? रेल परिचालन ने इसका विस्तारपूर्वक उत्तर दिया है,

किसी भी यात्री गाड़ी को मामूली दो मिनट का स्टोपेज दिए जाने की क्या कीमत रेल परिचालन को चुकानी पड़ती है, उसका पूरा ब्यौरा आपके सन्मुख है।

रेल गाड़ी यदि डीज़ल लोको से परिचालित हो रही हो तो उसे करीबन 1763 रुपए का अतिरिक्त ईंधन खर्चना पड़ता है। लोको के रखरखाव खर्च में ₹4401/- की बढ़ोतरी होती है और उसकी अर्जन क्षमता ₹1464/- से घटती है ऐसे कुल मिलाकर डीजल लोको की गाड़ी का एक स्टोपेज का खर्च ₹7628/- पड़ता है और इन्ही मदों में डीज़ल की जगह विद्युत लोको परिचालित गाड़ी को अनुक्रम नुसार ₹733, 1918 और 1628 ऐसे कुल खर्च ₹5451/- पड़ता है। ऐसी स्थिति में उक्त स्टोपेजेस से आय प्राप्ति की संभावनाओं का अभ्यास किया जाता है, स्टोपेजेस को छह महीने तक अस्थायी रूप से जारी रखा जाता है और बाद में उसे नियमित किए जाने पर निर्णय लिया जाता है।

रेल प्रशासन यह कहती है, अनावश्यक स्टोपेजेस को रद्द करने से डीज़ल लोको संचालित गाड़ी में वार्षिक ₹27,84000/- एवं विद्युत लोको संचालित गाड़ी में वार्षिक ₹18,25000/- की बचत की जा सकती है। उपरोक्त सारा गुणा-गणित वर्ष 2021/22 के मूल्यांकन से किया गया है।

सुधारित मानकोंके अनुसार उक्त आँकड़ोंको जब यात्री किराया तालिकाओं से जोड़ा गया तब किसी भी स्टोपेज की अनुमानित लागत ₹16672/- से ₹22442/- तक जाती है। स्टोपेज दिए जाने के बाद स्टेशन की आय यदि उस मात्रा में बढ़ती है, तभी उस स्टोपेज को नियमित किया जाता है। अब चालू वित्त वर्ष के अनुसार अब यह मूल्य कहांतक पहुँचा है, इस की जानकारी फिलहाल उपलब्ध नही है।

अतः रेल यात्री अपने अपने स्टेशनोंपर मेल/एक्सप्रेस या कोई भी यात्री गाड़ी के स्टोपेजेस के लिए लामबंद है और अस्थायी स्टोपेजेस पा भी लेते है तो उसे टिकाए रखने, नियमित करने हेतु प्रयत्नशील रहे। उस स्टोपेज के उपयोग करने हेतु क्षेत्र के रेल यात्रिओंको प्रोत्साहित करें।

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