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नए मेमू रैक की सौगात बनी रतलाम स्थानीय यात्रिओंके लिए मुसीबत!

25 अक्टूबर 2024, शुक्रवार, कार्तिक, कृष्ण पक्ष, नवमी, विक्रम संवत 2081

पश्चिम रेल में स्थित रतलाम स्टेशन, मुम्बई – दिल्ली मार्ग का एक महत्वपूर्ण जंक्शन, साथ ही पश्चिम रेलवे का मण्डल मुख्यालय है। रतलाम जंक्शन से मुम्बई – दिल्ली मार्ग, चित्तौड़गढ़, अजमेर मार्ग और फतेहाबाद चन्द्रावतीगंज होते हुए इन्दौर का मार्ग जो गेज कन्वर्जन में बड़ी लाइन में परावर्तित हुवा है, उपलब्ध है।

रतलाम मण्डल में रतलाम से दाहोद, उज्जैन मेमू रैक से चल रही है तो भीलवाड़ा रतलाम महू के लिए डेमू रैक उपलब्ध है। हाल ही में उद्धाटित उज्जैन चित्तौड़गढ़ वाया फतेहाबाद सवारी पारम्परिक आई सी एफ कोच से चल रही है, वर्तमान में परिचालित यह डेमू गाड़ियोंके रैक इतने जर्जर हो चुके है की कई बार फेल हो जाने की वजहों से, आधी यात्रा में इन्हें मालगाड़ी के विद्युत लोको से खींच कर गन्तव्य तक लाया जाता है। मण्डल अधिकारियोंने कई बार क्षेत्रीय मुख्यालय को उपरोक्त परेशानी से अवगत कराया और फलस्वरूप मुख्यालय से उन्हें नए मेमू रैक की सौगात मिली। अब परेशानी यह है, मण्डल की माँग दो मेमू रैक की थी और उन्हें केवल एक रैक उपलब्ध कराया गया, जिससे मण्डल को रैक लिंक करने की भीषण समस्या खड़ी हो गई।

पहले रतलाम मण्डल का नए मेमू रैक को लेकर किया गया नियोजन देखिए,

फिलहाल डेमू / मेमू रैक से महू – रतलाम – भीलवाड़ा, दाहोद – रतलाम – उज्जैन और महू – रतलाम – चित्तौड़गढ़ इस तरह रैक लिंक करके सवारी गाड़ियोंका परिचालन हो रहा है। अब मेमू रैक आने से उपरोक्त रैक लिंकिंग बन्द करा कर दाहोद – रतलाम – भीलवाड़ा ऐसे किया जा रहा है। इससे आदिवासी अंचल के सर्वसाधारण यात्रिओंको रतलाम जंक्शन में गाड़ी बदलने की बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। खास कर, जब यात्रिओंको प्लेटफार्म क्रमांक 1 से 7 या 7 से 1 पर जाना – आना पड़ेगा।

निम्नलिखित रतलाम स्टेशन का दृश्य देखिए,

तस्वीर में दाहिने ओर प्लेटफार्म क्रमांक 1 एवं 2 है जिसपर अजमेर – इंदौर लाईन की गाड़ियाँ आ सकती है (रतलाम केबिन के वहा से भी यह कनेक्ट है यानी नागदा तरफ से आने वाली गाड़ी भी इन प्लेटफार्म पर आ सकती है )

दाहिने से बाए जाते हुए, प्लेटफार्म क्रमांक 4 , 5 , 6 दिल्ली – मुम्बई मुख्य रेल मार्ग पर स्थित है।

आखिरी बाए में, प्लेटफार्म क्रमांक 7 पर केवल मुम्बई – उदयपुर एवं अजमेर व्हाया चित्तौड़गढ़ की गाड़ियाँ ही ली जा सकती है।

विशेष बात, रतलाम जंक्शन पर प्लेटफार्म क्रमांक 03 है ही नही।

उपरोक्त प्लेटफार्म क्रमांक के बदलाव एवं नए मेमू रैक का परिचालन दिनांक 28/10/2024 से किया जाना है और स्थानीय यात्रिओंमें खासी नाराजगी दिखाई दे रही है। उपलब्ध व्यवस्था में अनपेक्षित बदलाव और प्लेटफार्म 01 की मुख्य स्टेशन से ऊपरी पैदल पुल से सीधी सम्पर्कता न होना यह सबसे कठिन समस्या है। यात्रिओंको अन्य प्लेटफार्म से एक क्रमांक के प्लेटफार्म पर आनेजाने के लिए तकरीबन 800 मीटर पार्किंग लॉट से होते हुए गुजरना और वह भी अपने यात्री सामान को ढोते हुए या बुजुर्ग, महिला यात्रिओंके लिए हालात बदतर करने वाला होगा।

स्थानीय नेताओं ने भी स्थानीय यात्रिओंको होनेवाली समस्याओं के मद्देनजर, उपरोक्त बदलाव स्थगित किए जाने का प्रस्ताव लाने की बात की है। एक मत ऐसे भी आया है, वर्तमान डेमू रैक जैसे भी हालात में परिचालित है, मेमू रैक उपलब्ध किए जाने तक चलते रहे और नया मेमू रैक वर्तमान उज्जैन – चित्तौड़गढ़ – उज्जैन वाया फतेहाबाद को दे दिया जाए ताकी मण्डल में उसका उपयोग जारी रहे। अब मण्डल अधिकारी नए रैक को लेकर क्या करते है, यह देखनेवाली बात रहेंगी।

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