03 फरवरी 2025, सोमवार, माघ, शुक्ल पक्ष, पंचमी, विक्रम संवत 2081
रेलवे बजट 2025-26 में रेल के बुनियादी ढांचे, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, माल ढुलाई गलियारों और यात्री सेवाओं पर इसके पडने वाले परिणामों के बारे में समझते है।
इसके लिए हमें पहले बजट 2025-26 में रेल क्षेत्र के विकास के लिए प्रमुख आबंटन, परियोजना पर किया जानेवाला निवेश और सरकारी प्राथमिकताओं को समझना होगा।
आर्थिक वर्ष 2025-26 के लिए रेलवे बजट की घोषणा कर दी गई है, जिसमें पिछले साल के जितना ही 2.65 लाख करोड़ रुपये का कुल आबंटन किया गया है।
बजट में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) और बुनियादी ढांचे के विस्तार पर जोर दिया गया है, लेकिन ग्राहक अर्थात मुख्यतः यात्री सुविधाओं, सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश और माल ढुलाई गलियारों के लिए आबंटन में कटौती ने चिंता बढ़ा दी है।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जोर देकर कहा की पिछले साल के बजट आबंटन को बनाए रखने से बुनियादी ढांचे के विकास को निरंतर बढ़ावा मिलता है, जबकि दीर्घकालिक निवेश पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
आइए बजट 2025-26 रेलवे की मुख्य बातों पर नज़र डालते है।
रेल बजट 2025-26 आवंटन और व्यय
कुल आवंटन: ₹2.65 लाख करोड़ (पिछले वर्ष जितनाही)
पूंजीगत व्यय (कैपेक्स): ₹2.52 लाख करोड़, जिसमें सार्वजनिक और निजी भागीदारी (पीपीपी) निवेश शामिल है।
वित्त वर्ष 2024-25 में व्यय: ₹2.09 लाख करोड़ (23 जनवरी, 2025 तक 79.33% उपयोग किया गया)
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक व्यय: ₹2.45 लाख करोड़
बेहतर सुरक्षा के लिए आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम की स्थापना
फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन निवेश
रेलवे की माल ढुलाई और विद्युतीकरण लक्ष्यों में वृद्धि
रिकॉर्ड माल ढुलाई क्षमता
रेल मंत्री वैष्णव ने घोषणा की कि मार्च 2025 तक, भारतीय रेलवे 1.6 बिलियन टन माल ढुलाई क्षमता में मील का पत्थर हासिल कर लिया जाएगा, जिससे यह चीन (3.7 बिलियन टन) के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे कार्गो वाहक बन जाएगा।
100% विद्युतीकरण लक्ष्य :
रेलवे वित्त वर्ष 2025-26 में अपने नेटवर्क का 100% विद्युतीकरण करने के लिए तैयार है। जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और ऊर्जा दक्षता में सुधार होगा।
बुलेट ट्रेन और हाई-स्पीड रेल विकास
स्वदेशी बुलेट ट्रेन परियोजना भारत रक्षा पीएसयू बीईएमएल और एनएचएसआरसीएल के सहयोग से हाई-स्पीड बुलेट ट्रेनों के स्वदेशी उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जापानी सरकार के निरंतर समर्थन से इन ट्रेनों को 280 किमी प्रति घंटे की गति से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
वित्त वर्ष 2023-24 बुलेट ट्रेन व्यय: ₹18,295 करोड़
वित्त वर्ष 2025-26 बजट आवंटन: ₹19,000 करोड़
बजट 2025 रेलवे क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा: टिकट बिक्री, उन्नत गाड़ियोंमे यात्रिओंकी ऑक्यूपेंसी, संचालन दक्षता,
भविष्य की योजनाएँ और उनके विस्तार के लक्ष्य,
सेमी-हाई-स्पीड और मेट्रो कनेक्टिविटी का विस्तार,
रेलवे स्टेशनों और टर्मिनलों का आधुनिकीकरण
सुरक्षा उपायों और एआई-आधारित निगरानी प्रणालियों को मजबूत करना।
मगर रेल यात्रिओंके विचार में रेल बजट को लेकर कुछ प्रमुख बिंदु चिन्ता का विषय है,
- बीते वर्ष जितना ही आवंटन : एक तरफ देश की सबसे किफायती, अन्तिम छोर तक पहुँच और सुरक्षित यातायात होने के वजह से यात्रिओंकी गाड़ियोंको लेकर लगातार माँग बढ़ रही है। यात्री गाड़ियाँ बढाना हो तो रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर बढाना होगा। नई रेल लाइनें, नई गाड़ियाँ, ज्यादा प्लेटफार्म इत्यादि
- यात्री सुविधाओं के लिए बीते वर्ष से कटौती
- डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए बेहद कम आबंटन : नए कॉरिडोर के विकास पर असर
- यात्री किरायोंसे वृद्धि का लक्ष्य बढाया : मगर क्या द्वितीय श्रेणी कोच की बढ़ोतरी से यह लक्ष्य हासिल हो पाएगा? यात्रिओंकी प्रीमियम श्रेणी की गाड़ियोंमे भी मांग बढ़ती जा रही है। प्रीमियम गाड़ियाँ माँग के बावजूद नही चल रही है।
