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देश आग्रह करता है, यातायात के साधनोंका; ठहराव मांगता है, स्टेशनोंसे सीधी गुजरती यात्री रेल गाड़ियोंका!

19 अगस्त 2025, मंगलवार, भाद्रपद, कृष्ण पक्ष, एकादशी, विक्रम संवत 2082

माना की जमाना चाँद पर पहुँचने का चल रहा है, सुपर कम्प्यूटर का है, AI कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए हल निकालने का है। तीव्र गतिसे एक जगह से दूसरी जगह पहुँचने का है। हमारे देश मे भी रेल गाड़ियाँ तेज चलने लगी है। एक सौ तीस प्रति घण्टा अमूमन सभी एक्सप्रेस गाड़ियाँ दौड़ लगा देती है। वन्देभारत, अमृतभारत के आगे बुलेट ट्रेन का संस्करण भी जल्द ही दौड़ने लगेगा। इन सब तेज तर्रार गति के साधनों में गाँव के यात्री जिनमे युवा, विद्यार्थी, उद्यमी, रोजगार तलाशने शहर का रुख करने वाले, उनके नजदीकी रेलवे स्टेशनोंसे सीधी गुजरने वाली गाड़ियोंको देख परेशान हो रहे है।

दरअसल गाड़ियोंको तेज गति से एक शहर से दूसरे शहर को साधने में राह में पड़ने वाले कई छोटे शहर, गाँव के स्टेशन पसीज रहे है। एक वक्त था, गाँव के लोग अपनी खेती-बाड़ी, छोटे-बड़े उद्योग में मग्न थे। करीब की पाठशाला में बच्चे पढ़ लेते थे। शहर जाकर आगे की पढ़ाई करने की सोच बहुतों की नही होती थी। पढ़ लिए अब अपना रोजगार सम्भाल लो बस! लेकिन अब ऐसा नही है। गाँव की जनता हर तरह से प्रगती करने के लिए लालायित है। शहर जाकर पढ़ाई करना, बेहतर रोजगार के लिए कल-कारखानों का रुख करना, कृषि उपज के उचित दाम के लिए नई मण्डी तलाशना हर प्रकार से उन्हें यातायात की जरूरत पड़ने लगी है।

दिनभर में एखाद दो सवारी गाड़ियाँ पहले काफी होती थी। किसी को एक्सप्रेस, सुपरफास्ट गाड़ियोंकी या लम्बी दूरी की यात्राओंकी भी दरकार ज्यादातर नही होती थी। अब शहर जाना-आना करने वाले यात्रिओंमें गाड़ियोंकी माँग बढ़ने लगी है। युँ तो रेल प्रशासन ने कम अंतर में ठहराव लेने वाली कई गाड़ियाँ बन्द कर दी, ठहराव बन्द कर दिए, प्रचलित सवारी गाड़ियोंको एक्सप्रेस में बदल दिया था। मगर अब जहाँ गाड़ियाँ अद्ययावत LHB रैक से संचालित की जा रही है, जिनकी की कम समय मे रुकने और तेज गति पकड़ने की क्षमताएं है, उन गाड़ियोंको छोटे, मंझौले स्टेशनोंपर यात्रिओंकी माँग को देखते हुए स्टोपेजेस देने की व्यवस्था की जा रही है। इसी के फलस्वरूप उत्तर रेलवे, उत्तर पश्चिम रेलवे, दक्षिण रेलवे आदि क्षेत्रीय रेल विभागों ने अपने क्षेत्रोंमें कई गाड़ियोंमे स्टोपेजेस बढाए है।

दक्षिण रेलवे :

उत्तर रेलवे :

उत्तर पश्चिम रेलवे :

दक्षिण मध्य रेल :

पूर्व तटीय रेल :

आम रेल यात्री अन्य क्षेत्रीय रेलवे से भी इसी तरह यात्री गाड़ियोंमे बेहतर कनेक्टिविटी हेतु के कार्रवाई की आशा रखते है।

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