24 सितम्बर 2025, बुधवार, अश्विन, शुक्ल पक्ष, तृतीया, विक्रम संवत 2082
मित्रों, यकीन मानिए हम यहाँ रेल छोड़कर क्रिकेट की बात नही करने जा रहे है, मगर विद्यमान और अभ्यस्त व्यवस्थाओं को जब बदला जाता है तो उन नियमित रेल यात्रिओंकी अवस्था ठीक वैसे ही ह्यो जाती है जैसे एक भरोसे के बैट्समैन के आउट होने पर होगी।
निम्नलिखित परिपत्रक देखिए,

दरअसल यह विषय है, पुणे जंक्शन पर टर्मिनेट होने वाली गाड़ियोंको पुणे से अन्य स्टेशन पर टर्मिनेट करना ताकी पुणे जंक्शन पर गाड़ियोंका भार कम हो।
पुणे जंक्शन पर हर रोज तकरीबन 200 गाड़ियोंकी आवाजाही हो रही है और देशभर पुणे के लिए यात्रिओंकी नई गाड़ियाँ चलाने की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है। हाल ही में जोधपुर, रीवा और अजनी से नई गाड़ियाँ पुणे के लिए शुरू की गई है। इससे पुणे जंक्शन पर गाड़ियोंके रखरखाव और सुचारू परिचालन में बड़ी बाधाएँ आती है और इसका उत्तर ढूँढा गया पुणे जंक्शन के लिए सैटेलाइट टर्मिनल स्टेशन का निर्माण कर के।
पुणे जंक्शन पर दो नए सैटेलाइट टर्मिनल स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। पुणे से दौंड की दिशा में, हड़पसर एवं पुणे से कल्याण की दिशा में खड़की यह दोनों स्टेशनोंको लम्बी दूरी की गाड़ियोंके लिए टर्मिनल व्यवस्था का निर्माण किया जाएगा।
इसी दिशा में पहली यात्री गाड़ी है, 17629/30 पुणे हुजुरसाहिब नान्देड़ पुणे प्रतिदिन एक्सप्रेस और इसी गाड़ी रैक के खाली समय का सदुपयोग कर 01487/88 पुणे हरंगुळ पुणे प्रतिदिन विशेष गाड़ी चलाई जाती है, उक्त दोनों गाड़ियोंको जैसे ही हड़पसर टर्मिनल स्टेशन पर गाड़ियोंकी टर्मिनल व्यवस्थाएं पूर्णतः तैयार हो जाती है, पुणे से हटाकर हड़पसर से चलाने की तैयारी है।
कुछ इसी तरह दौंड की दिशा से पुणे की ओर आने वाली और पुणे यह गन्तव्य/स्टार्टिंग स्टेशन वाली अन्य गाड़ियोंको हड़पसर स्टेशन पर टर्मिनेट के लिए सोचा जा सकता है। साथ ही खड़की टर्मिनल भी पूर्णत्व की ओर अग्रसर है। वहॉं पर भी कल्याण से पुणे की ओर आने वाली कुछ गाड़ियोंको खड़की स्टेशन पर टर्मिनेट करने की घोषणा हो सकती है।
एक तरफ पुणे जंक्शन पर कमसे कम चार से छह और नए प्लेटफार्म बनने का खांका खींचा जा चुका है। यार्ड रिमॉडलिंग, डीज़ल लोको शेड का पुनर्निधारण कर नए प्लेटफॉर्म्स का निर्माण अपेक्षित है। चूँकि यह प्रक्रिया लम्बी अवधि की है और जरूरतें तो आज ही की है। अतः बेहतरी इसी में है, की कुछ गाड़ियोंको सैटेलाइट टर्मिनल स्टेशनोंतक सीमित कर दिया जाए।
पूर्व मध्य रेल ECR में पटना यह बिहार राज्य की राजधानी का शहर और सहज है, की यात्रिओंकी भी पटना तक गाड़ी पहुँचे यही माँग रहती है। ऐसे में वहाँ के रेल प्रशासन ने पटना के दोनों दिशाओं में दानापुर एवं राजेंद्रनगर ऐसे दो सैटेलाइट टर्मिनल स्टेशनोंमें गाड़ियोंको इस तरह बाँटा की गाड़ियाँ पटना स्टेशन को पार करते हुए उससे अगले सैटेलाइट स्टेशन का टर्मिनल के तौर पर उपयोग करें। यह ठीक इस तरह होगा की दौंड से आने वाली गाड़ी पुणे पार कर के खड़की पर टर्मिनेट हो और कल्याण से आने वाली गाड़ी पुणे स्टेशन पार कर के हड़पसर पर टर्मिनेट हो। हालांकि पुणे जंक्शन पर गाड़ियोंकी भीड़, संबंधित रेल विभाग और उनका परिचालन इस विचार को किस तरह लेता है यह आने वाला वक्त ही बताएगा।
वैसे पहली विकेट टर्मिनल चेन्ज के स्वरूप में पुणे नान्देड़ पुणे एक्सप्रेस की गिरना तय हो चुका है।
