18 जुलाई 2024, गुरुवार, आषाढ़, शुक्ल पक्ष, द्वादशी, विक्रम संवत 2081
रेल विभाग द्वारा रेल परिचालन में आमूलचूल परिवर्तन करने के उद्देश्य से ‘शून्याधारित समयसारणी’ नामक बीते वर्षों में लाया गया था। सारी यात्री गाड़ियोंके समयसारणी को सिरे से सुव्यवस्थित करना, मालगाड़ियों को एक निर्बाध रास्ता मिल सके, रेल व्यवस्था के रखरखाव हेतु निश्चित ब्लॉक समय मिल सके यह प्रमुख हेतु थे। इस कार्यक्रम के तहत कई गाड़ियोंकी समयसारणी बदली गई, सवारी गाड़ियोंको एक्सप्रेस में बदला गया और बहुतसी गाड़ियोंके ढेर सारे स्टापेजेस रद्द किए गए।
नियमित स्टापेजेस का रद्द होना यात्रिओंको गवाँरा न हुवा। लगातार माँगे उठाई जाने लगी, लोकप्रतिनिधियोंद्वारा रेल प्रशासन पर दबाव लाया जाने लगा। एकतरफ रेल विभाग का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम तो दूसरी तरफ यात्रिओं, जनप्रतिनिधियों का दबाव। हेतुतः सुवर्णमध्य खोजा गया, ‘टेम्पररी स्टापेजेस’ अर्थात अस्थायी ठहराव। दोनों पक्षोंका अहंकार, ईगो शान्त 😊
यात्रिओंको स्टापेजेस मिल गए और रेल विभाग को तसल्ली, की सांख्यिकी पर नजर रखे, मानकोंके अनुरूप न हुई तो बन्द कर दीजिएगा स्टोपेज। गौरतलब यह है, यह अस्थायी स्टापेजेस जो छह माह की निरन्तरता में बढ़ते है, शायद ही कभी रद्द हुए है। मित्रों, हमारा विशाल देश और उसमे बढ़ता शहरीकरण, यात्री संख्या, कोई व्यवस्था एक बार शुरू हो जाए तो शायद ही उसे ख़ारिज, रद्द करने देती है। दरबदर अस्थायी व्यवस्था स्थायी रूप से ‘अस्थायी’ चलते रहती है।
खैर, दक्षिण मध्य रेल SCR ने अपने अस्थायी स्टापेजेस की सूची जारी की है, 64 गाड़ियाँ है, जिनके स्टापेजेस को फिर से विस्तार दिया गया है। हाँ, इन अस्थायी स्टापेजेस को रेल परिभाषा में ‘एक्सपेरिमेंटल स्टापेजेस’ अर्थात प्रायोगिक ठहराव कहते है। 😊


