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डायल 182

सरकारी मशीनरी मुस्तैदी दिखाए और अपना फ़र्ज निभाए तो क्या कुछ नही हो सकता, इसका अत्युत्तम उदाहरण ओडिशा में दिखाई दिया है। सरकारी मशीनरी की उपयुक्तता फ़ांनी चक्रवात पर भारी पड़ी, जिस तरह चक्रवात ने तबाही और उत्पात मचाया उसके मुकाबले कई जाने बचा ली गई।

इसी तरह रेलवे के पास भी अत्याधुनिक तकनीक और इसके संचालन के लिए लगने वाला बेहतरीन स्टाफ़ उपलब्ध है। आज हम आपको रेलवे की सुरक्षा को चाकचौबंद रखने वाले रेलवे सुरक्षा बल से मिलवाते है।

भारतीय रेल कितनी विशाल है और इसकी सम्पत्ती कितनी बड़ी मात्रा में है, यह जानने के लिए पहले हमें कुछ आंकड़े देखने पड़ेंगे।

दुनिया का सबसे बडा ऐसा चौथे नम्बर का रेल नेटवर्क है भारतिय रेल । जो रोजाना उपनगरीय और लम्बी दूरी की करीबन 20,000 यात्री गाड़ियाँ चलाता है, और 9,200 से ज्यादा मालगाड़ियां अलगसे चलती है।छोटे बड़े कुल 7,300 से भी ज्यादा रेलवे स्टेशन है। 2,78,000 मालगाडीके डिब्बे, 71,000 यात्री डिब्बे और 11500 लोको इंजिन रेलवे के पास है। करीबन 13 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी आज रेलवे में काम कर रहे है।

इस विशालतम, महाकाय रेलवे की, उसकी सम्पत्ती की सुरक्षा हेतु रेलवे के पास अपनी खुद की सशस्त्र पुलिस दल है, उसका नाम है रेलवे सुरक्षा बल RPF।

वैसे तो RPF की शुरवात रेलवे के भारत आने के साथ ही हो गई थी, लेकिन तब रेलवे अलग अलग कम्पनियों में बटी थी और इसे कहते थे कम्पनी पुलिस या प्राइवेट पुलिस। RPF की यथोचित स्थापना RPF ऐक्ट के तहत 1957 की गई और RPF ऐक्ट का नियम संशोधन 1987 में किया गया।

रेलवे सुरक्षा बल का जिम्मा है, रेलवे की सम्पत्ती की रक्षा करना, रेलवे के यात्रिओंको सुरक्षा प्रदान करना उनके जान माल की रक्षा करना। रेलवे के दायरे में जो भी असामाजिक तत्वोंको निपटना, रेलवे कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी करने में बाधा लाने वालोंको नियंत्रित करना और महिला यात्री, बच्चों को मानवी तस्करी से बचाना।

रेलवे सुरक्षा बल का एक महत्वपूर्ण काम और भी है। रेलवे में दो तरह की पुलिस काम करती है, RPF और GRP याने सरकारी रेलवे पुलिस। रेलवे से दायरे के बाहर के सिविल कार्य है याने चोरी, डकैती, दुर्घटना की रपट और तहकीकात करने का काम GRP करती है। GRP और रेलवे प्रशासन को एक पुल की तरह जोड़ने का काम यह RPF करती है।

आज रेलवे सुरक्षा बल में उनके अधिकारियों सहित, 1,75,000 जवान का स्टाफ़ कार्यरत है। चलती गाड़ियोंमे, रेलवे के प्लेटफार्म पर, रेलवे स्टेशन की सभी जगह पर मुस्तैदी से, अपने शस्त्र लेकर, यात्रिओंको सुरक्षित होने का एहसास दिलाते है। रेल यात्री, अपने रेल सफर में, अपने फोन से 182 डायल करके कभी भी इनसे अपनी सुरक्षा के लिए मदत मांग सकता है।

रेल सुरक्षा बल, रेल यात्री की सुरक्षा हेतु 24 घंटे और 365 दिन कटिबद्ध है।

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