‘गरीबी मे आटा गिला’ भाई, पहले ही गाड़ियाँ चलने की घोषणा ऐसे रुक रुक के हो रही है मानो लॉटरी खोली जा रही हो। “फलाँ गाड़ी चलेगी, फलाँ गाड़ी बदले समय के साथ शुरू होने जा रही है।” ऐसे टाइटल आए दिन अखबारोंमें छपती है। वैसे में ही उत्तरी भागोंमें अलग अलग रेल रोको आन्दोलनोने रेल गाड़ियोंकी चाल ही बिगाड़ दी है। बेचारे यात्री को टिकट कन्फर्म होने के बावजूद यात्रा करने से पहले रेलवे से पूछना पड़ता है, गाड़ी चलने वाली है या नही और चलेगी तो उसके स्टेशन तक जाएगी या नही।
संक्रमण का डर, फिर रोको रोको की मार अब रेलवे पर प्रकृति का भी प्रहार पड़ने वाला है, वह है कोहरा। दिसम्बर, जनवरी में पूरे उत्तरी भारत मे कोहरे की वजह से गाड़ियाँ देरी से चलती थी या रद्द करनी पड़ती थी। रेल प्रशासन ने बीते वर्षोंसे कुछ गाड़ियोंके परिचालन पहले से रद्द करने का निर्णय लिया है। इससे यात्रिओंको अपने यात्रा का नियोजन करने में आसानी होती है।
हमारे पास गाड़ियोंके कोहरे की वजह से रद्द/ आंशिक रद्द के कुछ परीपत्रक आए है, जिन्हें आपके लिए प्रस्तुत किया है। हालांकि इन क्षेत्रोंकी और भी कुछ गाड़ियोंका रद्दीकरण या आंशिक रद्दीकरण की खबरे आ सकती है। अतः यात्रिओंसे निवेदन है, अपनी रेल यात्रा के नियोजन हेतु रेलवे की हेल्पलाइन या अधिकृत वेबसाइटों का उपयोग जरूर करे।




