यह है पूर्ण परीपत्रक और इसका d: पार्ट, पब्लिक पैसेंजर ट्रांसपोर्ट है, उसमे रेल यात्रा के लिए दिशानिर्देश दिए गए है।





D: a – उपनगरीय गाड़ियोंमे निम्नलिखित यात्री ही यात्रा कर पाएंगे
अब उपनगरीय गाड़ियोंमे केवल सरकारी सेवा (केंद्रीय/राज्य/स्थानीय) में रहने वाले लोग ही यात्रा कर पाएंगे, इनके सरकारी ड्यूटी कार्ड, फ़ोटो पहचान पत्र पर ही टिकट/पास जारी किए जाएंगे।
सभी वैद्यकीय सेवा जिनमें डॉक्टर्स, नर्सेस, पैरामेडिक्स, लैब टेक्नीशियन, हॉस्पिटल, मेडिकल क्लिनिक स्टाफ़ जिन्हें उनके सम्बन्धित मेडिकल संस्थान के पहचान पत्र के आधार पर टिकट/पासेस जारी किए जाएंगे।
सभी मरीज जिन्हें वैद्यकीय चिकित्सा आवश्यक हो, दिव्यांग और उनके साथ उन्हें संभालने वाला एक व्यक्ति
B: राज्य परिवाहन/ सिटी बसेस अपनी कुल सिटिंग क्षमताओं से 50% पर चलाई जाएगी और स्टैडिंग यात्री को अनुमति नही दी गयी है।
C: आन्तर शहरीय, जिला में चलाई जानेवाली बसेस एवं लम्बी दूरी की रेलगाड़ियोंके लिए –
1: रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर सभी आने/जाने वाले यात्रिओंकी जानकारी निरीक्षण हेतु आपदा प्रबंधन को दी जाएगी।
2: यात्री जहाँ पर भी यात्रा समाप्त कर रेलवे स्टेशनोंसे, बस अडडों से बाहर निकलेगा, सभी यात्री के हाथ पर 14 दिन होम कोरण्टाईन रखे जाने का स्टैम्प लगाया जाएगा। यात्रियोंकी थर्मल जाँच की जाएगी और संक्रमित पाए जाने पर उसे कोविड सेंटर या अस्पताल भेजा जाएगा।
3: स्थानिक आपदा प्रबंधन कमिटी के पास यह तय करने का अधिकार है, आवश्यकता नुसार, सम्बन्धित यात्रिओंकी रैपिड एंटीजेन टेस्ट की जानी चाहिए और टेस्ट का खर्च यात्री से लेना चाहिए।
4: स्थानिक आपदा प्रबंधन कमिटी यात्रिओंके लिए 14 दिन होम कोरण्टाईन के स्टैम्प लगाना या नही यह निर्णय स्थानिक परिस्थितियों को देखते तय कर सकती है।
हमने उपरोक्त परीपत्रक को सादे शब्दोंमें रखने का प्रयत्न किया है, मगर परीपत्रक की भाषा सर्वोपरि है। कृपया कोई भी विशिष्ट संकल्पना समझने के लिए परीपत्रक ध्यान से पढ़े।