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26 जोड़ी रेलगाडीयोंका पुरी की जगह खुर्दा रोड़ से ही ‘जय जगन्नाथ’

पुरी के जगन्नाथजी की रथयात्रा में सिर्फ हमारे देश से ही नही, विदेशोंसे भी भक्तगण बड़े उल्हास के साथ शामिल होते है।

इस वर्ष यह उत्सव 12 जुलाई से शुरू होने जा रहा है। नौ दिन चलने वाले रथयात्रा उत्सव में भगवान जगन्नाथ जी, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र जी और बहन देवी सुभद्रा इनके रथ रहते है। मुख्य देवालय से करीबन तीन किलोमीटर दूर गुंदीचा मन्दिर तक यह रथयात्रा जाती है। आठ दिन भगवान गुंदीचा मन्दिर में विश्राम कर नौंवे दिन बहुद यात्रा में अपने देवालय में लौटते है। भगवान जगन्नाथ जी के रथ को नन्दी घोष कहा जाता है, जगन्नाथ जी के रथ को गरुड़ध्वज या कपिलध्वज भी कहते है। भगवान बलभद्र जी के रथ को तालध्वज और देवी सुभद्रा के रथ को दर्पदलन या पद्म ध्वज भी कहते है।

बीते वर्ष में भी संक्रमण के निर्बंधोके चलते रथयात्रा प्रतीकात्मक रूप से सम्पन्न की गई थी और इस बार भी निर्बंध कायम है। यात्रिओंको जगन्नाथपुरी की रथयात्रा में सहभागी नही होते आएगा और इसी वजह से राज्य प्रशासन ने रेलवे को अपनी रेलगाड़ियोंको पुरी स्टेशन के बजाय खुर्दा रोड जंक्शन पर ही टर्मिनेट करने का आदेश दिया है।

यात्रीगण से निवेदन है, निम्नलिखित परीपत्रक में 26 जोड़ी गाड़ियाँ निर्देशित अवधिके लिए पुरी तक न जाते हुए, खुर्दा रोड जंक्शन पर ही खत्म की जाएगी और वहींसे अपनी वापसी यात्रा शुरू करेगी।

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