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लम्बी दूरी की तेज गति वाली गाड़ियाँ यात्री सुविधाभिमुख की जाए।

भारतीय रेल में तेज गति की गाड़ियोंका काफी बोलबाला है। शताब्दी, राजधानी, दुरंतो, गतिमान, हमसफ़र इनके अलावा भी कई सुपरफास्ट गाड़ियाँ ऐसी है जो 200-300 किलोमीटर तक बिना ठहरावोंके चलती है। हालाँकि तेज गति वाली गाड़ियोंकी ‘कम ठहराव’ यह विशेषता है, मगर कई यात्रिओंके इस बारे में सुझाव है जो न सिर्फ उनके अपितु रेल प्रशासन के परिचालन में भी बहुत उपयोगी साबित हो सकते है।

जब यह गाड़ियाँ अपने मुख्य टर्मिनल के शुरवाती स्टेशन से चलती है तब उनके उपनगरीय स्टेशनोंपर यदि 2 मिनट का भी ठहराव लेती है तो वह यात्रिओंके दृष्टिकोण से काफी सुविधाजनक हो सकता है। यही स्टोपेज लौटते वक्त भी कायम हुवा तो यात्रिओंका अपने घर पहुंचने के समय मे काफी बचत होगी। साथ ही मुख्य टर्मिनल स्टेशनपर भी यात्रिओंका दबाव कम होगा। उदाहरण के तौर पर मध्य रेल के मुम्बई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल को लीजिए। यहाँसे कोई सुपरफास्ट गाड़ी चले और दादर, ठाणे, कल्याण में जाते-आते दोनोंही वक्त स्टोपेज ले तो यात्रिओंके लिए बहुत सुविधाजनक होगा। इसी प्रकार मुम्बई सेंट्रल के लिए दादर, बोरीवली, विरार, डहाणू रोड है, नागपुर के लिए अजनी और इतवारी है और भी मुख्य स्टेशन के आसपास के उपनगर गिनाए जा सकते है।

चूँकि रेलवे के टर्मिनल स्टेशन और उपनगरीय स्टेशन लोकवस्ती में से जाते है, व्यापार व्यवसाय और मार्केट से भी निकटतम होते है अतः यात्रिओंको 10-15 मिनट में स्टेशनपर पहुंचकर गाड़ी पकड़ने की सुविधा रहती है। वही हवाई यात्रा भले ही रेलवे से कई गुना तेज है मगर यात्री को अपने रिहायशी इलाके या व्यवसाय की जगहोंसे हवाई अड्डे पर पहुंचने में 2-3 घंटे लग जाते है। यही कारण के लिए सड़क परिवहन ज्यादा लोकप्रिय है। सड़क परिवहन “एप्रोचिंग टाइम” शून्य के बराबर होता है। रेलवे भी अपनी कई गाड़ियोंमे टिकिटोंकी गणना के आधार पर ऐसे स्टोपेजेस बढाने का निर्णय ले सकती है।

यह तो हुई मुख्य टर्मिनल की बात, की जहाँसे गाड़ी आगे जाती ही न हो, मगर जो उपनगर आजकल सैटेलाइट टर्मिनल बनाए जा रहे है, उनमें भी एक सुझाव हक़ीक़त में लाया जा सकता है। मध्य रेलवे की मुम्बई, पुणे से नागपुर जानेवाली गाड़ियाँ अजनी की जगह नागपुर से आगे इतवारी में और बिलासपुर से आनेवाली गाड़ियाँ अजनी में टर्मिनेट की जाए। इससे दोनों ओरसे चलनेवाली गाड़ियोंको नागपुर स्टेशन के स्टोपेज का लाभ मिल पाएगा। इस तरह की सुविधा पटना स्टेशन के दोनों दिशाओं की गाड़ियोंमें राजेंद्रनगर और दानापुर स्टेशन, जबलपुर में मदनमहल और आधारतल, भोपाल में रानी कमलापति और निशातपुरा इस तरह हो सकती है।

रेल प्रशासन को वाकई ऐसे लोकभावना वाले सुझावोंपर विचार करने की आवश्यकता है।

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