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मध्य रेल की दो वन्देभारत एक्सप्रेस की ‘घाट परीक्षा’ आजसे

2 फरवरी 2023, गुरुवार, माघ, शुक्ल पक्ष, द्वादशी, विक्रम संवत 2079

मध्य रेलवे का मुख्यालय मुम्बई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस वन्देभारत एक्सप्रेस से जुड़ने जा रहा है।

देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में रेलवे के दो क्षेत्रीय कार्यालय स्थित है। पश्चिम रेलवे और मध्य रेलवे। पश्चिम रेलवे पर वन्देभारत एक्सप्रेस का संचालन शुरू हो चुका है। चूँकि पश्चिम रेलवे से मुम्बई पहुंचने में रेल मार्ग में कोई घाट पार नही करना पड़ता इसलिए वन्देभारत एक्सप्रेस उस मार्ग से परिचालित करने में कोई विशेष प्रयास नही करने पड़े मगर वहीं मध्य रेलवे के मुम्बई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को सोलापुर और शिर्डी स्टेशनोंसे वन्देभारत एक्सप्रेस द्वारा जोड़ने की बात हुई तो सोलापुर के लिए कर्जत वाला भोर घाट और शिर्डी के लिए कसारा वाला थल घाट पार करना होगा।

अब आप सोचते होंगे हर रोज इतनी रेल गाड़ियाँ इन दोनों घाटोंसे गुजरती तो है, फिर वन्देभारत के संचालन के लिए इतनी जद्दोजहद क्यों करनी पड़ती है? मित्रों, इन दोनोंही घाट को पार करने के लिए प्रत्येक रेल गाड़ी को बैंकर अर्थात अतिरिक्त लोको लगाने पड़ते है। भोर घाट में कर्जत स्टेशन पर और थल घाट में कसारा स्टेशन पर गाड़ियोंके आखिर में यह बैंकर्स लोको लगते है। यह लोको का काम होता है, गाड़ियोंको घाट चढ़ने में सहायता करना और ढलान पर फिसलने न देना। वन्देभारत एक्सप्रेस में यह ट्रेन सेट होने की वजह से अतिरिक्त लोको जोड़ने का प्रावधान नही है। यह ठीक उसी तरह है, जैसे उपनगरीय गाड़ियोंके ट्रेन सेट EMU, MEMU या DEMU रहते है। इसीलिए तो आज तक यह उपनगरीय ट्रेन सेट मुम्बई से घाट पार कर के नासिक या पुणे तक पहुंची नही है। रही बात मेल/एक्सप्रेस गाड़ियोंकी तो इन घाटोंमे बैंकर्स की शंटिंग में खासा वक्त जाया होता है, इसीलिए मध्य रेल की राजधानी में पूरी यात्रा के दौरान एक बैंकर लोको लगा हुवा रहता है। जिसे रेलवे “पुश-पुल” व्यवस्था कहती है।

वैसे आप को बता दूँ, वन्देभारत एक्सप्रेस इन उपनगरीय गाड़ियोंके ट्रेन सेट से अधिक क्षमतावान है और उसके मजबूत ट्रैक्शन क्षमता के आधार पर घाट पार कर सकती है। साथ ही, वन्देभारत ट्रेन सेट में पार्किंग ब्रेक्स भी उपलब्ध है, जो इस गाड़ी को चढ़ाई चढ़ते वक्त ढलान से पीछे की ओर फिसलने नही देगी। तो चलिए, आज से थल और भोर घाट में वन्देभारत एक्सप्रेस के ट्रैन सेट का परीक्षण शुरू होगा और 10 फरवरी से यह दोनों गाड़ियाँ यात्री सेवा में प्रस्तुत होगी।

जाहिर सी बात है, मध्य रेलवे के ढेर सारे लोकप्रिय मार्ग इस घाट परीक्षण पर नजरें गड़ाए है, ताकि उनके मार्गोंके लिए वन्देभारत एक्सप्रेस का आना प्रशस्त हो जाए। औरंगाबाद, नान्देड़, नागपुर, भोपाल, जबलपुर, कलबुर्गी, हैदराबाद यह महानगर मध्य रेल के मुम्बई से वन्देभारत एक्सप्रेस के आगामी उम्मीदवार है और वन्देभारत की स्लीपर आवृत्ति के लिए तो उत्तर, दक्षिण और पूर्वी भारत के कई महानगर वन्देभारत रेल से जोड़े जा सकेंगे।

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