11 अक्तूबर 2023, बुधवार, आश्विन, कृष्ण पक्ष, द्वादशी, विक्रम संवत 2080
यात्रीगण कृपया ध्यान दें, मध्य रेल प्रशासन ने पुणे स्टेशन से चलनेवाली और पुणे स्टेशन से होकर गुजरने वाली समेत पाँच जोड़ी गाड़ियोंमें एक से लेकर पाँच यात्री कोच की वृद्धि की है। दरअसल पुणे स्टेशन पर कुछ प्लेटफार्म की लम्बाई बढाने का काम जारी था, ताकि ज्यादा कोचेस की गाड़ियाँ पुणे स्टेशन के अन्य प्लेटफार्म से भी चलाई जा सके और उसके सम्पन्न होने के पश्चात यह निर्णय लिया गया है।
22139/40 पुणे अजनी पुणे साप्ताहिक हमसफ़र वातानुकूल एक्सप्रेस में 15 3A कोच की जगह अब 18 वातानुकूल थ्री टियर और 02 वातानुकूल टू टियर, ऐसे कुल 20 कोच लगेंगे।
22141/42 पुणे नागपुर पुणे साप्ताहिक हमसफ़र वातानुकूल एक्सप्रेस में 15 3A कोच की जगह अब 18 वातानुकूल थ्री टियर और 02 वातानुकूल टू टियर, ऐसे कुल 20 कोच लगेंगे।
11045/46 कोल्हापुर धनबाद कोल्हापुर साप्ताहिक एक्सप्रेस में 21 कोच की जगह अब 22 कोच लगेंगे। इस गाड़ी में एक वातानुकूल थ्री टियर कोच बढाया गया।
01127/28 लोकमान्य तिलक टर्मिनस बल्हारशहा लोकमान्य तिलक टर्मिनस साप्ताहिक विशेष में 17 कोच की जगह अब 21 कोच लगेंगे। इस गाड़ी में दो वातानुकूल थ्री टियर और दो द्वितीय साधारण अर्थात जनरल कोच ऐसे कुल 04 कोच बढ़ेंगे।
01139/40 नागपुर मडगांव नागपुर साप्ताहिक विशेष में 22 कोच की जगह अब 24 कोच लगेंगे। इस गाड़ी में एक वातानुकूल थ्री टियर और दो एक साधारण अर्थात जनरल कोच ऐसे कुल 02 कोच बढ़ेंगे।

मित्रों, पुणे स्टेशन पर कोच धारण क्षमता काफी कम है। केवल एक नम्बर प्लेटफार्म ज्यादा LHB कोच की गाड़ियाँ धारण कर सकता है। हाल ही में सोशल मीडिया में एक पत्र वायरल हुवा, जिसमे दमरे अपनी 17630/29 नान्देड़ पुणे नान्देड़ प्रतिदिन एक्सप्रेस की कोच संख्या 15 से बढ़ाकर 22 करने का प्रस्ताव मध्य रेल के पास रखा था। निम्नलिखित पत्र में रिमार्क देखिए, “पुणे मण्डल में 17 से ज्यादा LHB कोच वाली यात्री गाड़ियोंका परिचालन करने में दिक्कतें है” यह कह प्रस्ताव को ख़ारिज किया।

दरअसल यह परिचालन क्षमता याने रखरखाव हेतु पिट लाइन का छोटा होना, प्लेटफार्म की कोच धारण क्षमता का कम होना या कोच वॉटरिंग सिस्टम अनुरूप न होना हो सकता है। पुणे स्टेशन के पास, दोनों सिरोंपर मुम्बई एन्ड पर रेल कार्यालय बने है और दौंड, मिरज एण्ड पर यार्ड बने है। जरूरत है, की प्रशासनिक कार्यालय, लोकोशेड, यार्ड को शिफ्ट किया जाए या 10, 15 किलोमीटर स्थित छोटे स्टेशनोंपर विकसित किया जाए। पश्चिम रेलवे के सूरत स्टेशन का उदाहरण लीजिए, उनके पास प्रतिदिन 300 से ज्यादा गाड़ियाँ है और प्लेटफार्म केवल 4। पुणे में छह प्लेटफार्म है और गाड़ियाँ 200 से कुछ ही ज्यादा।
पुणे से शुरू और पुणे में खत्म होनेवाली गाड़ियाँ ज्यादा है। अतः मुम्बई की ओर शिवाजीनगर, खड़की, पिंपरी, चिंचवड़ और दूसरी ओर हड़पसर, लोणी, उरली इत्यादि स्टेशनोंको टर्मिनल्स के रूप में विकसित करना चाहिए। पुणे में टर्मिनेट/ओरिजिनेट होनेवाली बहुतांश गाड़ियाँ, पुणे स्टेशन पर सीमित हॉल्ट लेकर आगे टर्मिनेट की जा सकती है। इससे पुणे स्टेशन का न सिर्फ यात्री और रेल प्रशासन पर रखरखाव का दबाव कम होगा अपितु उपनगरीय यात्रिओंको भी लम्बी दूरी की गाड़ियोंका लाभ मिल पाएगा।
