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हुतात्मा में कोच संरचना बदलेगी, ‘कहीं खुशी कहीं ग़म’

13 दिसम्बर 2023, बुधवार, मार्गशीर्ष, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा, विक्रम संवत 2080

सोलापुर – पुणे, पुणे – अमरावती, अमरावती – अजनी और इसी उल्टे क्रम से फिर सोलापुर पहुंचने वाली हुतात्मा एक्सप्रेस के रैक की यह लिंक है। रेल विभाग अपनी गाड़ियाँ इस तरह से लिंकिंग करते है ताकी रेल सामग्रियों का यात्री सुविधाओं के हित मे, ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सके।

12157/58 सोलापुर – पुणे – सोलापुर हुतात्मा एक्सप्रेस अपनी दोनों दिशाओं की यात्रा दिन में करती है। 11025/26 पुणे – अमरावती – पुणे एक्सप्रेस अपनी पुणे से अमरावती यात्रा दिन में और अमरावती से पुणे की यात्रा लगभग 60% रात में करती है। वहीं फिर 12119/20 अमरावती अजनी अमरावती इन्टरसिटी एक्सप्रेस भी अपनी दोनोंही दिशामे दिन-दिन में ही चलती है। ऐसे में गाड़ी की संरचना में स्लिपर कोचों की आवश्यकता केवल 11025/26 पुणे अमरावती पुणे के रन में ही है।

मार्ग बदलते रूप बदलती हुतात्मा एक्सप्रेस। यहां सोलापुर – पुणे – भुसावल है।
यहां सोलापुर – पुणे – अमरावती है।
यहां सोलापुर – पुणे – अमरावती – अजनी/नागपुर है। “दुग्गल साब, आज क्या है?” ☺️😊

यह चर्चा इसलिए हो रही है, अमरावती, अकोला, मलकापुर और भुसावल, जलगाँव के यात्रिओंकी इस गाड़ी में स्लिपर, वातानुकूल थ्री टियर जोड़ने की पुरजोर माँग थी और सम्भवतः 15 दिसम्बर से हुतात्मा के रैक में कुल दो स्लिपर और एक वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी कोच जुड़ेंगे। दरअसल जब यह गाड़ी भुसावल – पुणे के बीच चल रही थी तब तत्कालीन साँसद ने यात्रिओंकी माँग को रेल मुख्यालय से मंजूरी दिलवा, 1-1 स्लिपर और वातानुकूल थ्री टियर कोच की संरचना करवा ली थी।

तो परेशानी कहाँ है? 😊 जी, परेशानी तो दिन की यात्रा करने वाले सोलापुरकर एवं अजनी इन्टरसिटी के यात्रिओंको है। इनकी गाड़ी संरचना में तीन द्वितीय श्रेणी अनारक्षित कोच कम कर के ही यह एक स्लिपर और एक वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी कोच जोड़ा जा रहा है। सोलापुरकर इस बात से सख्त नाराज है, उनके तीन अनारक्षित कोच जिनकी यात्री क्षमता अमुमन 300 यात्रिओंकी है, रद्द हो जाएंगे और उनकी जगह एक एक स्लिपर एवं वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी के आरक्षित कोच ले लेंगे। इससे उनकी यात्रा किराया पर भी खासा असर पड़ेंगा। पुणे सोलापुर के बीच द्वितीय श्रेणी अनारक्षित किराया मात्र ₹115/- देना है तो स्लिपर में ₹220/- और वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी में ₹555/- देने होंगे। वहीं अमरावती – पुणे के बीच यात्रा करने वाले यात्री इस कोच संरचना के बदलाव से समाधान व्यक्त कर रहे है। हालाँकि उनकी तो पूर्ण गाड़ी में कमसे कम 7 से 10 शयनयान के कोच हों यह माँग थी।

दरअसल यह सारा माजरा इन्टरसिटी रैक को ओवरनाइट यात्रा में चलाने से उत्पन्न हुवा है। अमरावती, अकोला से पुणे के बीच एक डेडिकेटेड, समर्पित, प्रतिदिन रेल सेवा की माँग हमेशा से ही रही है और उन्हें इस पुणे – भुसावल इन्टरसिटी को विस्तारित कर पूरा कर संतुष्ट करने का प्रयास किया गया।

इस खींचतान और उधेड़बुन में हुतात्मा इन्टरसिटी का आखिर क्या हाल होना है, यह देखने लायक होगा। विशेष टिप्पणी; नासिक के यात्री अलग नाराज चल रहे है। यह जो पुणे – भुसावल और विस्तारित अमरावती एक्सप्रेस है, दरअसल पुणे – मनमाड़ -पुणे वाया नासिक, पनवेल थी। जिसे विस्तारित करते करते अब सीधे मनमाड़, अहमदनगर, दौंड कोर्ड ऐसे मार्ग परिवर्तन कर नासिक से गायब ही कर दिया है। अवस्था यह है, नासिक – पुणे के बीच अब कोई सीधी रेल सेवा नही है।