Uncategorised

पवन, कामायनी और गोदान एक्सप्रेस गाड़ियोंकी कोच संरचना भी मार्च 2024 से बदलेगी।

लगातार ग़ैरवातानुकूलित कोचों की कमी के कारण आम रेल यात्री आजकल अपनी रेल यात्रा में भारी परेशानियों से गुजरता है। टिकट खरीदने के बावजूद उसे सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शाश्वती नही है। यात्रा के दौरान गाड़ी में बैठने की जगह तो क्या चढ़ने भी मिलेगा या नही, यह हाल और परिस्थितियां है

19 फरवरी 2024, सोमवार, माघ, शुक्ल पक्ष, दशमी, विक्रम संवत 2080

रेल प्रशासन कोच संरचना के मानकीकरण के नामे लगातार अपनी नियमित मेल/एक्सप्रेस गाड़ियोंकी कोच संरचना से ग़ैरवातानुकूलित कोच कम करते जा रहा है। पवन और कामायनी एक्सप्रेस गाड़ियाँ कम अंतर की, 200 से 400 किलोमीटर की रेल यात्रा करने वाले यात्रिओंमें लोकप्रिय और उपयोगी गाड़ियाँ है। पूरे 22 कोच की संरचना में वैसे ही द्वितीय श्रेणी अनारक्षित जनरल कोच की संख्या मात्र 03 कोच की है और आरक्षित, ग़ैरवातानुकूलित स्लिपर भी अब लगातार घटाए जा रहे है।

11061/62 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – जयनगर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस पवन प्रतिदिन एक्सप्रेस, 11071/72 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – बलिया – लोकमान्य तिलक टर्मिनस कामायनी प्रतिदिन एक्सप्रेस, 11055/56 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – गोरखपुर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस गोदान एक्सप्रेस ( सप्ताह में चार दिन), 11059/60 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – छपरा – लोकमान्य तिलक टर्मिनस त्रिसाप्ताहिक एक्सप्रेस इन सभी LHB कोच से परिचालित गाड़ियोंकी कोच संरचना में मार्च 2024 के पहले सप्ताह में बदलाव किया जा रहा है। निम्नलिखित परिपत्रक देखिए,

बदली हुई कोच संरचना (कंस में पुरानी कोच संरचना का उल्लेख किया गया है।)

1: 11061/62 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – जयनगर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस पवन प्रतिदिन एक्सप्रेस इस 22 कोच की गाड़ी में अब 02 वातानुकूल टु टियर (01), 06 वातानुकूल थ्री टायर (03),  08 शयनयान स्लिपर (12)

2: 11071/72 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – बलिया – लोकमान्य तिलक टर्मिनस कामायनी प्रतिदिन एक्सप्रेस इस 22 कोच की गाड़ी में अब 07 वातानुकूल थ्री टायर (05),  09 शयनयान स्लिपर (10),  वातानुकूल थ्री टायर इकोनॉमी रद्द किया गया (01)

3: 11055/56 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – गोरखपुर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस गोदान एक्सप्रेस ( सप्ताह में चार दिन) और

4: 11059/60 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – छपरा – लोकमान्य तिलक टर्मिनस त्रिसाप्ताहिक एक्सप्रेस, इन 22 कोच की गाड़ियोंमें अब 07 वातानुकूल थ्री टायर (05),  09 शयनयान स्लिपर (10),  वातानुकूल थ्री टायर इकोनॉमी रद्द किया गया (01)

कुल मिलाकर पवन एक्सप्रेस के 4 स्लिपर कोच परिचालन में से निकाले गए और कामायनी एवं गोदान एक्सप्रेस का एक स्लिपर और एक वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी कोच परिचालन में से निकल गया।

एक तरफ अनारक्षित और ग़ैरवातानुकूलित कोच में कमी की जा रही है और दूसरी तरफ अनारक्षित टिकटोंकी बिक्री पर कोई सीलिंग, अंकुश नही है। मार्ग के प्रत्येक स्टेशनोंपर द्वितीय श्रेणी अनारक्षित टिकट बेचे जाते है जबकि गाड़ियोंके इस श्रेणी की यात्री क्षमता मात्र 100×3 कुल 300 यात्रिओंकी होती है। उपरोक्त परिस्थितियों में, अनारक्षित यात्री आरक्षित कोचों में चढ़ने के लिए मजबूर हो जाते है। आजकल तो स्लिपर कोच की कमी के चलते यह अनारक्षित टिकट धारक वातानुकूल कोच में भी सवार हो जाते है।

आगे ही स्लिपर वर्ग के आरक्षित यात्री मासिक पास धारकों, रेल विभाग के ड्यूटी पास / प्रिविलेज पास धारकोंकी कम अंतर की अतिक्रमित यात्राओंसे परेशान रहते थे। अब अमूमन यही स्थिति वातानुकूल कोचों में भी पाई जाने लगी है और रेल प्रशासन इन समस्याओं की तरफ देखता तक नही। यात्री की शिकायत पर सुरक्षाकर्मी कोच पर हाजिरी देते है, चलती गाड़ी में अवांछित यात्रिओंको आगे या पीछे के कोचों में खदेड़ते है और एखाद, दो घण्टों में स्थिति यथावत भी हो जाती है। आम यात्री शिकायत भी कितनी बार करेगा?

इन चिजोंका, स्थितियोंका स्थाई समाधान रेल प्रशासन को ढूंढना और उसे मुस्तेदी से लागू करना आवश्यक है। नियमित मेल/एक्सप्रेस गाड़ियोंमे से अनारक्षित द्वितीय श्रेणी को आरक्षित 2S में अनिवार्य रूप से बदलना आवश्यक है, ताकि द्वितीय श्रेणी अनारक्षित टिकटोंकी बिक्री पर बन्धन आए। साथ ही गैर-उपनगरीय मार्गोंके सीजन पास पर भी मेल/एक्सप्रेस के यात्राओंमें कुछ बन्धन लाना होगा। साथ ही ग़ैरवातानुकूलित क्षेत्रोंमें 300 से 500 किलोमीटर मार्ग की मेमू/इंटरसिटी गाड़ियोंकी आवृत्तियों में वृद्धि करनी होगी। इस तरह के कुछ सकारात्मक बदलाव किए जाए तो आम रेल यात्री अपनी रेल यात्रा शांतिपूर्वक कर पाएगा।

Uncategorised

आजसे 11057 मुम्बई अमृतसर पठानकोट एक्सप्रेस LHB हो गई।

18 फरवरी 2024, रविवार, माघ, शुक्ल पक्ष, नवमी, विक्रम संवत 2080

11057/58 मुम्बई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस – अमृतसर – मुम्बई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पठानकोट एक्सप्रेस के पुराने ICF कोच हटाकर नए आरामदायक और सुरक्षित LHB कोच से सुसज्जित हो कर चलेंगी।

गौरतलब यह है, पुरानी कोच संरचना में 08 स्लिपर, 04 वातानुकूल थ्री टियर, 01 वातानुकूल टु टियर, 02 द्वितीय श्रेणी जनरल और 01 रेल डाक सेवा, 02 एसएलआर ऐसे कुल 18 कोच थे। अब LHB कोच संरचना में 02 स्लिपर, 07 वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी, 02 वातानुकूल टु टियर, 02 द्वितीय श्रेणी जनरल और 01 रेल डाक सेवा, 02 एसएलआर ऐसे कुल 17 कोच लगेंगे यह चर्चा है।

पठानकोट एक्सप्रेस के यात्रिओंकी रेल यात्रा LHB कोच संरचना शुरू होने से आरामदायक, सुरक्षित तो हो गई मगर जेब भी हल्की कर गई है। स्लिपर के 8 कोच के 576 यात्रिओंको अब LHB के 2 कोच X 80 कुल 160 टिकटें ही उपलब्ध रहेंगी और उसकी जगह 07 वातानुकूल इकोनॉमी (?) कोच के स्लिपर के किरायोंसे अमूमन दुगुने और वातानुकूल थ्री टियर से मामूली लगभग 8% कम किराए चुकाने होंगे।

वापसी में 11058 अमृतसर मुम्बई एक्सप्रेस की LHB सेवा 22 फरवरी से अमृतसर से शुरू हो जाएगी।

Uncategorised

रेल विभाग कब निभाएगा अपनी जवाबदेही?

17 फरवरी 2024, शनिवार, माघ, शुक्ल पक्ष, अष्टमी, विक्रम संवत 2080

आजकल भारतीय रेलवे पर अमूमन हर क्षेत्रीय रेलवे में विकास कार्य जारी है। कहीं रेल दोहरीकरण, कही तीसरी लाइन, चौथी लाइन डल रही है। कहीं रेल लाइने, विद्युतीकरण कर अद्ययावत की जा रही है तो कहीं प्लेटफॉर्म, और  स्टेशनोंका पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इन सब के बीच यात्री सुविधाओं और सेवाओं पर इसका असर पड़ना बिल्कुल स्वाभाविक है। कई क्षेत्रीय रेल विभाग इस सम्बन्धी जो भी रेल ब्लॉक लिए जाते है, उसके बारे में रेल यात्रिओंके लिए सूचना जारी करते है और उसका व्यापक प्रचार, प्रसार भी करते है। मगर कुछ क्षेत्रीय रेलवे को अब भी अपनी कार्यकुशलता (?) को सुधारने की जरूरत है।

दपुमरे SECR इस क्षेत्रीय रेल विभाग में रेल तिहरी करण, चौपदरी करण का कार्य बड़े तीव्र गति से किया जा रहा है। यह कार्य दपुमरे के झारसुगुड़ा से नागपुर तक चल रहा था जो करीबन अब अपने आखरी पड़ाव राजनांदगांव – गोंदिया – नागपुर खण्ड के आसपास बाकी रह गया होगा। वैसे इस क्षेत्र में मालवाहक गाड़ियोंकी आवाजाही भी बहुतायत में है और यहाँतक यात्री गाड़ियोंको बगल कर के भी मालगाड़ी को चलाया जाता है चूँकि कई खण्ड में अभी डेडिकेटेड समर्पित मालगाड़ी हेतु विशेष रेल लाइनें बनी नही है, कार्य प्रगतिपथ पर है मगर इसका अर्थ यह नही की रेलवे यात्रिओंकी सेवा और सुविधाओं को संकुचित कर दें?

दपुमरे रेल प्रशासन उनके कार्य समयपर जो गाड़ी उनके आड़े आती है, उसे साइड लाइन कर देती है और उसकी कोई सूचना यात्रिओंको नही देती। वैसे अपेक्षा तो अग्रिम सूचनाओंकी होती है मगर यात्री गाड़ी को ब्लॉक, नियंत्रित करने के बावजूद भी कहीं कोई सूचनाओंका प्रसारण नही किया जाता।

रेल विभाग के पास NTES नैशनल रेल इन्क्वायरी सिस्टम नामक वेबसाइट एवं ऍप है जो सम्बंधित रेलवे स्टेशन के डाटा, जानकारी संकलित कर उसे पारित, प्रसारित करता है, अद्यतन करते रहता है। वहीं काम गूगल का WIMT व्हेयर इज माई ट्रेन नामक ऍप भी करता है। चूँकि डाटाबेस NTES का ही होता है मगर WIMT में यात्री जो गाड़ी में सवार है उसके लॉग इन का भी डाटा सम्मिलित किया जाता है अतः उसमे कई बार गाड़ी की रियल लोकेशन सटीक आती है ( रेल विभाग इस शैली पर अवश्य विचार करें) और इससे यह पता चलता है, गाड़ी अब भी फलाँ स्टेशन पर नहीं पहुंची है।

दपुमरे अपनी गाड़ियोंका डाटाबेस सही तरीकेसे अद्यतन नहीं करता। 11039 महाराष्ट्र एक्सप्रेस इन दिनों अमूमन रात 20:00 बजे अपने गंतव्य स्टेशन, गोंदिया पहुंच रही है। वहीं NTES उसे समयपर अर्थात 18:00 पहुंच गई दिखलाता है। यह कैसी जवाबदेही है? क्या रेल कर्मचारी झूठे बयान रख अपनी समयपालनता पर झूठी ही शाबाशी लेना चाहते है?

यह आज गोंदिया पहुंचने वाली 11039 कोल्हापुर गोंदिया महाराष्ट्र एक्सप्रेस की चल स्थिति है। NTES उसे समयपर बल्कि समय से पहले पहुंची दिखा रहा है, जबकि WIMT उसे 4 घण्टे 43 मिनट देरी से पहुंची यह दिखाता है और यह 100% सच बात है।

दपुमरे में इस प्रकार की कार्यप्रणाली है। इसके बाद यही खेल अन्य एक्सप्रेस एवं सुपरफास्ट गाड़ियोंमे में भी होता है जिसके कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे।

एकतरफ रेल विकास का दम्भ भरा जा रहा है दूसरी तरफ जवाबदेही बेहद झूठी, बनावटी है। क्या अन्य क्षेत्रीय रेलवे में भी इस तरह का बनावटी समय पालनता के उदाहरण होते है? यह तो स्थानीय यात्री ही बता सकते है, मगर दपुमरे में तो यह आम बात है।

आम यात्री चाहता है, रेल विभाग इस पर आवश्यक रूप से संज्ञान लेवे। रेल ब्लॉक में कोई गाड़ी नियंत्रित की जाती है तो उसकी अग्रिम सूचना आवश्यक दें। यदि यह रेल ब्लॉक अकस्मात है तो यात्रिओंको उसकी सूचना रियल टाइम बेसिस पर शेयर की जानी चाहिए अन्यथा आपके थोथे विकास का दम्भ भरने की कोई आवश्यकता नही है। आजकल रेलवे से यात्रा करना इन्ही कारणोंसे कठिन और अनियंत्रित हो गया है। पता नही कौनसी गाड़ी कब खड़ी कर दे और गन्तव्य पर कब पहुंचे?

Uncategorised

नई गाड़ियाँ : पमरे WCR में बीना – कोटा एवं कोटा – चौमहला के बीच प्रतिदिन यात्री सेवा

14 फरवरी 2024, बुधवार, माघ, शुक्ल पक्ष, पंचमी, विक्रम संवत 2080

पश्चिम मध्य रेल पर संक्रमण काल पूर्व की 61634/33 बीना – कोटा – बीना सवारी गाड़ी को विशेष गाड़ी 06634/33 मेमू एक्सप्रेस स्वरूप में दिनांक 14 फरवरी, आज से आगे सूचना जारी किए जाने तक प्रतिदिन बहाल किया जा रहा है।

06634/33 बीना – कोटा – बीना मेमू विशेष एक्सप्रेस की समयसारणी :

पश्चिम मध्य रेल पर संक्रमण काल पूर्व की 61624/25 कोटा – चौमहला – कोटा सवारी गाड़ी को विशेष गाड़ी 06648/47 मेमू एक्सप्रेस स्वरूप में दिनांक 14/15 फरवरी, से आगे सूचना जारी किए जाने तक प्रतिदिन बहाल किया जा रहा है।

06648/47 कोटा – चौमहला – कोटा मेमू प्रतिदिन विशेष एक्सप्रेस की समयसारणी

रैक सेटलमेंट : चूँकि आम यात्रिओंको इस रैक सेटलमेंट से कोई वास्ता नही रहता मगर रेल प्रेमियोंको इन तकनीकी बातोंमें रस रहता है। 😊

Uncategorised

कामाख्या – आनन्द विहार के बीच साप्ताहिक सुपरफास्ट TOD विशेष

13 फरवरी 2024, मंगलवार, माघ, शुक्ल पक्ष, चतुर्थी, विक्रम संवत 2080

02525/26 कामाख्या – आनन्द विहार टर्मिनस – कामाख्या साप्ताहिक विशेष गाड़ी TOD ट्रेन ऑन डिमाण्ड के तहत शुरू की जा रही है।

02525 कामाख्या – आनन्द विहार टर्मिनस – साप्ताहिक सुपरफास्ट विशेष दिनांक 16 फरवरी 2024 से 26 जुलाई 2024 तक प्रत्येक शुक्रवार को कामाख्या से रात 22:45 को रवाना होगी और रविवार सुबह 8:40 को आनन्द विहार टर्मिनस को पहुँचेंगी।

वापसीमे 02526 आनन्द विहार टर्मिनस – कामाख्या साप्ताहिक सुपरफास्ट विशेष दिनांक 18 फरवरी 2024 से 28 जुलाई 2024 तक प्रत्येक रविवार को आनन्द विहार टर्मिनस से शाम 17:20 को रवाना होगी और मंगलवार सुबह 3:40 को कामाख्या पहुँचेंगी।

कोच संरचना : वातानुकूल प्रथम 01, वातानुकूल टू टियर 02, वातानुकूल थ्री टियर 05, वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी 05, स्लिपर 04, द्वितीय साधारण 02, पेंट्रीकार 01, एसएलआर 01, जनरेटर वैन 01 कुल 22 कोच

गाड़ी की समयसारणी निम्नलिखित है,