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रेल विभाग कब निभाएगा अपनी जवाबदेही?

17 फरवरी 2024, शनिवार, माघ, शुक्ल पक्ष, अष्टमी, विक्रम संवत 2080

आजकल भारतीय रेलवे पर अमूमन हर क्षेत्रीय रेलवे में विकास कार्य जारी है। कहीं रेल दोहरीकरण, कही तीसरी लाइन, चौथी लाइन डल रही है। कहीं रेल लाइने, विद्युतीकरण कर अद्ययावत की जा रही है तो कहीं प्लेटफॉर्म, और  स्टेशनोंका पुनर्निर्माण किया जा रहा है। इन सब के बीच यात्री सुविधाओं और सेवाओं पर इसका असर पड़ना बिल्कुल स्वाभाविक है। कई क्षेत्रीय रेल विभाग इस सम्बन्धी जो भी रेल ब्लॉक लिए जाते है, उसके बारे में रेल यात्रिओंके लिए सूचना जारी करते है और उसका व्यापक प्रचार, प्रसार भी करते है। मगर कुछ क्षेत्रीय रेलवे को अब भी अपनी कार्यकुशलता (?) को सुधारने की जरूरत है।

दपुमरे SECR इस क्षेत्रीय रेल विभाग में रेल तिहरी करण, चौपदरी करण का कार्य बड़े तीव्र गति से किया जा रहा है। यह कार्य दपुमरे के झारसुगुड़ा से नागपुर तक चल रहा था जो करीबन अब अपने आखरी पड़ाव राजनांदगांव – गोंदिया – नागपुर खण्ड के आसपास बाकी रह गया होगा। वैसे इस क्षेत्र में मालवाहक गाड़ियोंकी आवाजाही भी बहुतायत में है और यहाँतक यात्री गाड़ियोंको बगल कर के भी मालगाड़ी को चलाया जाता है चूँकि कई खण्ड में अभी डेडिकेटेड समर्पित मालगाड़ी हेतु विशेष रेल लाइनें बनी नही है, कार्य प्रगतिपथ पर है मगर इसका अर्थ यह नही की रेलवे यात्रिओंकी सेवा और सुविधाओं को संकुचित कर दें?

दपुमरे रेल प्रशासन उनके कार्य समयपर जो गाड़ी उनके आड़े आती है, उसे साइड लाइन कर देती है और उसकी कोई सूचना यात्रिओंको नही देती। वैसे अपेक्षा तो अग्रिम सूचनाओंकी होती है मगर यात्री गाड़ी को ब्लॉक, नियंत्रित करने के बावजूद भी कहीं कोई सूचनाओंका प्रसारण नही किया जाता।

रेल विभाग के पास NTES नैशनल रेल इन्क्वायरी सिस्टम नामक वेबसाइट एवं ऍप है जो सम्बंधित रेलवे स्टेशन के डाटा, जानकारी संकलित कर उसे पारित, प्रसारित करता है, अद्यतन करते रहता है। वहीं काम गूगल का WIMT व्हेयर इज माई ट्रेन नामक ऍप भी करता है। चूँकि डाटाबेस NTES का ही होता है मगर WIMT में यात्री जो गाड़ी में सवार है उसके लॉग इन का भी डाटा सम्मिलित किया जाता है अतः उसमे कई बार गाड़ी की रियल लोकेशन सटीक आती है ( रेल विभाग इस शैली पर अवश्य विचार करें) और इससे यह पता चलता है, गाड़ी अब भी फलाँ स्टेशन पर नहीं पहुंची है।

दपुमरे अपनी गाड़ियोंका डाटाबेस सही तरीकेसे अद्यतन नहीं करता। 11039 महाराष्ट्र एक्सप्रेस इन दिनों अमूमन रात 20:00 बजे अपने गंतव्य स्टेशन, गोंदिया पहुंच रही है। वहीं NTES उसे समयपर अर्थात 18:00 पहुंच गई दिखलाता है। यह कैसी जवाबदेही है? क्या रेल कर्मचारी झूठे बयान रख अपनी समयपालनता पर झूठी ही शाबाशी लेना चाहते है?

यह आज गोंदिया पहुंचने वाली 11039 कोल्हापुर गोंदिया महाराष्ट्र एक्सप्रेस की चल स्थिति है। NTES उसे समयपर बल्कि समय से पहले पहुंची दिखा रहा है, जबकि WIMT उसे 4 घण्टे 43 मिनट देरी से पहुंची यह दिखाता है और यह 100% सच बात है।

दपुमरे में इस प्रकार की कार्यप्रणाली है। इसके बाद यही खेल अन्य एक्सप्रेस एवं सुपरफास्ट गाड़ियोंमे में भी होता है जिसके कई उदाहरण आपको मिल जाएंगे।

एकतरफ रेल विकास का दम्भ भरा जा रहा है दूसरी तरफ जवाबदेही बेहद झूठी, बनावटी है। क्या अन्य क्षेत्रीय रेलवे में भी इस तरह का बनावटी समय पालनता के उदाहरण होते है? यह तो स्थानीय यात्री ही बता सकते है, मगर दपुमरे में तो यह आम बात है।

आम यात्री चाहता है, रेल विभाग इस पर आवश्यक रूप से संज्ञान लेवे। रेल ब्लॉक में कोई गाड़ी नियंत्रित की जाती है तो उसकी अग्रिम सूचना आवश्यक दें। यदि यह रेल ब्लॉक अकस्मात है तो यात्रिओंको उसकी सूचना रियल टाइम बेसिस पर शेयर की जानी चाहिए अन्यथा आपके थोथे विकास का दम्भ भरने की कोई आवश्यकता नही है। आजकल रेलवे से यात्रा करना इन्ही कारणोंसे कठिन और अनियंत्रित हो गया है। पता नही कौनसी गाड़ी कब खड़ी कर दे और गन्तव्य पर कब पहुंचे?