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फिर उड़ी नागपुर – पुणे के बीच वन्देभारत की ख़बर

05 अगस्त 2025, मंगलवार, श्रावण, शुक्ल पक्ष, एकादशी, विक्रम संवत 2082

शीर्षक देख कर चौकिएगा नही, चूँकि इस मार्ग पर कोई भी यात्री गाड़ी चलाने की यात्रिओंकी माँग इतनी पुरजोर है, के आए दिन बड़े बड़े अख़बार तक अपनी फुटफॉल, वेबसाइटों पर आने वाली हिट्स को बढाने के लिए यह खबर घुमा-फिरा कर डालते ही रहते है।

कल रातमे एक विश्वसनीय (?) सूत्र 😊 ने यह जानकारी दी। (कृपया विश्वसनीय सूत्र नाराज न हो)☺️ अजनी नागपुर से हड़पसर पुणे के बीच एक वन्देभारत गाड़ी इसी माह शुरू होने जा रही है। इस के साथ ही श्री माता वैष्णो देवी कटरा और अमृतसर एवं बेलगांवी बंगालुरु के बीच भी वन्देभारत गाड़ी चलाई जाने की घोषणा होने जा रही है। कृपया निम्नलिखित नोट देखिए,

अजनी – पुणे के बीच संक्षिप्त समयसारणी भी साथमे दर्ज है। उक्त मार्ग पर पुणे से नागपुर के बीच इस समयसारणी में एन्ड टू एन्ड यात्री तो वन्देभारत गाड़ी को मिलने से रहे। मगर गौरतलब यह है, इसी मार्ग पर कई महत्वपूर्ण स्टेशन्स है जिनको ऐसी तेज प्रीमियम गाड़ी की आवश्यकता है और वह यात्री जरूर इस गाड़ी का उपयोग करेंगे। नागपुर, वर्धा  –  अमरावती, अकोला, अमरावती, अकोला से भुसावल, जळगाव, भुसावल, जळगाव से कोपरगाँव, अहिल्यानगर और अहिल्यानगर से पुणे तक खैर आगे और भी देखिए,

@aashish1nonly नामक X (पूर्व ट्वीटर) अकाउंट से भी पुणे – भुसावल के बीच नासिक, कल्याण, पनवेल होकर एक प्रतिदिन गाड़ी चलाने की मांग रखी है। दरअसल इस मार्ग से भुसावल – पुणे के बीच 11025/26 गाड़ी चली थी मगर भुसावल से आगे अमरावती तक मार्ग विस्तार के खेल में गाड़ी के बदली समयसारणी से भुसावल, जळगाव, चालीसगांव तक के तमाम यात्रिओंकी सुविधा, कन्विनियन्स ही छीन गई। अब पुणे जानेवाली गाड़ी भुसावल में देर रात 02:25 को आती है, जो पहले रात 23:15 को रवाना हो जाती थी। इस गाड़ी की मांग बेहद सटीक और वाजवी है, जो भुसावल, जळगाव के यात्रिओंको नासिक, कल्याण, पनवेल और पुणे के उपनगर तक का बेहतर रेल यात्रा पर्याय उपलब्ध करा देगी।

पुणे – नागपुर के बीच इस वन्देभारत का किराया अमूमन 2000 रुपये रह सकता है। वही हवाई यात्रा 3500 में उपलब्ध है, जो दो घण्टे में यात्रा सम्पन्न करा देगा। सड़क परिवहन भी लगभग 1500 रुपये में स्लिपर, बर्थ उपलब्ध है तो कौनसा यात्री सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक ज्यादा किराया देकर बैठकर जाना पसन्द करेगा? इस समयसारणी पर कोई साधारण एक्सप्रेस चले जिसमे ग़ैरवातानुकूलित कोच हो, बीच यात्रा करनेवाले यात्री बेहद पसंद करेंगे।

वैसे आपको बता दूँ, खयाली पुलाव थाली तक पहुँच जावे तभी पेट भरा जा सकता है। इंतजार करें कार्यालयीन सूचना आने तक का। हम भी कर रहे है, आप भी कीजिए।

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प्रयागराज महाकुम्भ 2025 : स्वच्छ, सुन्दर, सात्विक एवं सुरक्षित!

09 फरवरी 2025, रविवार, माघ, शुक्ल पक्ष, द्वादशी, विक्रम संवत 2081

प्रयागराज महाकुम्भ 2025 निमित्त हमारी बहुत सी पोस्ट आई। कुछ विशेष गाड़ियोंकी, गाड़ियोंके नियंत्रण की और कुछ वहाँ के व्यवस्थाओं के बारे में थी। महाकुम्भ मेला अभी 26 फ़रवरी, महाशिवरात्रि तक जारी है। आज हम यहाँ पर कुछ आँखोँ देखी बयाँ करनेवाले है।

प्रयागराज महाकुम्भ 2025 में, पूर्ण पर्व काल मे लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान था, मगर कल दिनांक 08 फरवरी तक ही यह आँकड़ा 35 करोड़ तक पहुंच गया है और श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से डेढ़ गुना पहुँच सकती है।

एक बहुत ही कम समय की, पन्धरह घण्टे की महाकुम्भ मेला यात्रा में हमने प्रयागराज में, रेलवे और शहर व्यवस्था में कुछ उल्लेखनीय बातें नोट की है। प्रयागराज में उत्तरमध्य रेलवे का क्षेत्रीय मुख्यालय है। प्रयागराज के सभी स्टेशनोंपर नैनी, प्रयागराज जंक्शन, प्रयाग, प्रयागराज संगम, प्रयागराज छिंवकी, प्रयागराज रामबाग़ में रेल विभाग द्वारा रेल यात्रिओंका उत्कृष्ट प्रबंधन किया गया है। प्रयागराज जंक्शन पर प्रत्येक 10 मीटर पर रेल सुरक्षा बल के जवान तैनात है। यह तैनाती प्लेटफार्म, ऊपरी पैदल पुल, सर्क्युलेटिंग एरिया में आप को दिखाई देंगी।

किसी भी तरह की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कर्मियोंके साथ उत्तम सार्वजनिक सम्बोधन प्रणाली, पब्लिक अड्रेसिंग सिस्टम की आवश्यकता होती है। स्टेशनपर राउण्ड दी क्लॉक, 24 घण्टे यह जारी है। इसके अलावा प्रत्येक सुरक्षा बल का जवान चाहे वह महिला हो या पुरुष कर्मी, यात्रिओंको बेहद विनम्रता से सहयोग, सहायता एवं सलाह देने के लिए तत्पर है। अनारक्षित एवं आरक्षित यात्रिओंके लिए भिन्न भिन्न आगमन एवं प्रस्थान द्वार बनाए गए है। यात्रिओंकी अवांछनीय भीड़ के नियंत्रण हेतु सर्क्युलेटिंग एरिया में बनाए गए विशाल तंबुओं में उन्हें रुकाया जाता है और गाड़ी के आगमन सुचना की उद्घोषणा के साथ उन्हें प्लेटफार्म पर छोड़ा जाता है। प्लेटफार्म पर तैनात सुरक्षा बल के जवान, गाड़ी प्लेटफार्म पर स्थिर होने तक प्लेटफार्म के किनारोंपर यात्री सुरक्षा को मुस्तैदी से सम्भाल रहे है, जो बेहद उल्लेखनीय सेवा है।

रेलवे प्लेटफार्म और तमाम सर्क्युलेटिंग एरिया में साफसफाई व्यवस्था देखते ही बनती है। सैकड़ों सफाई कर्मचारी चौबीसों घण्टे, अविरत सेवा दे रहे है।

यही सारी व्यवस्था आप को रेल परिसर के दायरे से बाहर, प्रयागराज शहर में भी दिखाई देंगी। यहाँ राज्य शासन के पुलिस कर्मी यह जिम्मेदारी सम्भाल रहे है, जिससे तमाम यात्रिओंको, अपनेआप को सुरक्षित होने का एहसास दिलाता है। उनके सहयोग में कई अन्य केंद्रीय राखीव पुलिस CRPF, RAF की टुकड़ियाँ तैनात है। शहर महानगर निगम के सफाई कर्मी भी बेहद सतर्कता से अविरत सेवा दे रहे है।

शहर में दिनभर में अनुमान से दुगने यात्रिओंकी आवाजाही हो रही है। शहर की सार्वजनिक यातायात के लिए रिक्शा, ई-रिक्शा के अलावा शहर के कई युवा निम्न दर में अपने दुपहिया वाहन लेकर जरूरतमंद यात्रिओंको शहर के हर क्षेत्र में पहुँचाने के लिए उस्फूर्त सेवाएं दे रहे है।

कुम्भ के मेला क्षेत्र में भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था अतिउत्तम रखी गयी है। अनगिनत पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी तैनात किए गए है। भीड़ को नियंत्रित करने हेतु, बैरिकेडिंग कर के आने-जाने के मार्गोंको विभाजित किया गया है। हालाँकि इन कारणोंसे श्रद्धालुओं को कुछ ज्यादा पैदल चलना पड़ता है, मगर नियोजन के लिए यह आवश्यक ही है।

महाकुम्भ के सुचारू नियोजन के लिए राज्य पुलिस बल एवं केन्द्रीय सुरक्षा बल, रेल विभाग, शहर यातायात विभाग का समन्वय बहुत उल्लेखनीय है। इसके साथ ही प्रयागराज के स्थानीय व्यवसायी, शहरवासी भी शहर पर आने वाले यात्रिओंके अतिरिक्त दबाव को बेहद शांतता एवं समझदारी से निभा रहे है। निगम के आवाहन पर अपने निजी बड़े वाहनों के उपयोग से और बिनावजह मेला क्षेत्र में जाने से परहेज कर रहे है।

कुल मिलाकर यह समझा जा सकता है, सभी सुरक्षा एजंसियों, यातायात व्यवस्था, नगर निगम सफाई व्यवस्थाओंके उत्कृष्ट समन्वय से महाकुम्भ 2025 यात्रिओंके लिए सुगम एवं सुरक्षित चल रहा है। जहाँ अनुमान से दुगुना, तिगुना जनसैलाब पहुँच जाए तो कुछ अप्रत्याशित घटना हो जाती है। हालाँकि इससे निपटने के लिए प्रशासन तुरन्त अपनी व्यवस्थाओंका केंद्रीकरण कर पहुँच रहा है। अन्ततः प्रयागराज शहर वासियोंके उत्कृष्ट सहयोग के साथ ही यात्रिओं, श्रद्धालुओं के भी अनुशासित रहने की नितान्त आवश्यकता है।

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यात्रीगण कृपया ध्यान दे; WR पश्चिम रेलवे की दस जोड़ी गाड़ियोंके अहमदाबाद एन्ड के टर्मिनल में बदलाव किया जा रहा है।

05 मार्च 2024, मंगलवार, फाल्गुन, कृष्ण पक्ष, नवमी/दशमी, विक्रम संवत 2080

निम्नलिखित दस जोड़ी गाड़ियाँ अब अहमदाबाद स्टेशन पर टर्मिनेट/ऑरिजिनेट होने की जगह साबरमती या गांधीनगर कैपिटल स्टेशन से रवाना या खत्म होगी। जाहिर सी बात है, यात्रिओंको जो जंक्शन सुविधा का उपयोग करते है, किसी अन्य स्टेशन से आकर अहमदाबाद में गाड़ी बदलकर अपनी आगे की रेल यात्रा शुरू करते थे, बहुत असुविधा होने वाली है। यात्रीगण कृपया परिपत्रक में टर्मिनल बदलाव की तिथि पर ध्यान दीजिएगा।

आशा करते है, यह टर्मिनल्स का बदलाव अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण तक अस्थाई रूप से ही रहे और कार्य पूर्ण होते ही गाड़ियाँ फिर से अहमदाबाद जंक्शन से ऑपरेट होने लग जाए।

12957/58 अहमदाबाद – नई दिल्ली – अहमदाबाद स्वर्ण जयंती राजधानी प्रतिदिन
19401/02 अहमदाबाद – लखनऊ – अहमदाबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस
19409/10 अहमदाबाद – गोरखपुर – अहमदाबाद द्विसाप्ताहिक एक्सप्रेस
20939/40 अहमदाबाद – सुल्तानपुर – अहमदाबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस
19407/08 अहमदाबाद – वाराणसी – अहमदाबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस
19415/16 अहमदाबाद – श्री माता वैष्णो देवी कटरा – अहमदाबाद साप्ताहिक एक्सप्रेस
19119/20 अहमदाबाद – वेरावळ – अहमदाबाद प्रतिदिन सोमनाथ एक्सप्रेस, साबरमती, अहमदाबाद की जगह चाँद लोडिया से चलने के बाद सीधी गाँधीनगर कैपिटल जाएगी।
22957/58 अहमदाबाद – वेरावळ – अहमदाबाद प्रतिदिन सोमनाथ एक्सप्रेस, अहमदाबाद की जगह चाँद लोडिया से चलने के बाद सीधी गाँधीनगर कैपिटल जाएगी।
19223/24 अहमदाबाद – जम्मूतवी – अहमदाबाद प्रतिदिन एक्सप्रेस, साबरमती, अहमदाबाद की जगह कलोल से चलने के बाद सीधी गाँधीनगर कैपिटल जाएगी।
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पश्चिम रेलवे WR पर उधना – बरौनी और बान्द्रा – सूबेदारगंज को जोड़ती दो विशेष गाड़ियाँ

20 फरवरी 2024, मंगलवार, माघ, शुक्ल पक्ष, एकादशी, विक्रम संवत 2080

पश्चिम रेल्वे (WR) की ओरसे उधना – बरौनी के बीच विशेष साप्ताहिक ट्रेन..!

पश्चिम रेल्वे ने यात्रिओंकी मांग के मद्देनजर, उधना-बरौनी-उधना के बीच विशेष ट्रेन चलाने की घोषणा की है!

09037 उधना बरौनी साप्ताहिक विशेष, दिनांक 01,08,15,22 और 29 मार्च 2024, गुरुवार को सुबह 08:35 को उधना से बरौनी के लिए रवाना होगी।

वापसीमे 09038 बरौनी उधना साप्ताहिक विशेष दिनांक 02,09,16,23 और 30 मार्च 2024, शुक्रवार को शाम 17:00 को बरौनी से उधना के लिए रवाना होगी।

ठहराव :
नंदुरबार, जलगांव, भुसावल, खंडवा, इटारसी, जबलपूर, कटनी, सतना, मानिकपूर, प्रयागराज छिवकी, पं.दीनदयाल उपाध्याय, बक्सर, आरा, पटना

यह विशेष गाड़ी TOD अर्थात ट्रेन ऑन डिमाण्ड है, अतः इसके यात्री किराए नियमित गाड़ियोंके किरायोंसे ज्यादा रहेंगे। इस गाड़ी की कोच संरचना में द्वितीय श्रेणी एवं स्लिपर कोच ही रहेंगे।

समयसारणी :

04125/26 सूबेदारगंज बान्द्रा टर्मिनस सूबेदारगंज सुपरफास्ट साप्ताहिक विशेष वाया कानपुर सेंट्रल, आग्रा फोर्ट, सवाई माधोपुर, कोटा, रतलाम, वडोदरा, सूरत

04125 दिनांक 26 फरवरी 2024 से 25 मार्च 2024 तक प्रत्येक सोमवार को सूबेदारगंज से प्रातः 5:20 को बान्द्रा के लिए रवाना होगी

वापसीमे 04126 दिनांक 27 फरवरी 2024 से 26 मार्च 2024 तक प्रत्येक मंगलवार को बान्द्रा टर्मिनस से सुबह 11:00 को सूबेदारगंज के लिए रवाना होगी। गाड़ी की समयसारणी एवं कोच संरचना का विवरण निम्नप्रकार है,

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पवन, कामायनी और गोदान एक्सप्रेस गाड़ियोंकी कोच संरचना भी मार्च 2024 से बदलेगी।

लगातार ग़ैरवातानुकूलित कोचों की कमी के कारण आम रेल यात्री आजकल अपनी रेल यात्रा में भारी परेशानियों से गुजरता है। टिकट खरीदने के बावजूद उसे सुरक्षित और आरामदायक यात्रा की शाश्वती नही है। यात्रा के दौरान गाड़ी में बैठने की जगह तो क्या चढ़ने भी मिलेगा या नही, यह हाल और परिस्थितियां है

19 फरवरी 2024, सोमवार, माघ, शुक्ल पक्ष, दशमी, विक्रम संवत 2080

रेल प्रशासन कोच संरचना के मानकीकरण के नामे लगातार अपनी नियमित मेल/एक्सप्रेस गाड़ियोंकी कोच संरचना से ग़ैरवातानुकूलित कोच कम करते जा रहा है। पवन और कामायनी एक्सप्रेस गाड़ियाँ कम अंतर की, 200 से 400 किलोमीटर की रेल यात्रा करने वाले यात्रिओंमें लोकप्रिय और उपयोगी गाड़ियाँ है। पूरे 22 कोच की संरचना में वैसे ही द्वितीय श्रेणी अनारक्षित जनरल कोच की संख्या मात्र 03 कोच की है और आरक्षित, ग़ैरवातानुकूलित स्लिपर भी अब लगातार घटाए जा रहे है।

11061/62 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – जयनगर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस पवन प्रतिदिन एक्सप्रेस, 11071/72 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – बलिया – लोकमान्य तिलक टर्मिनस कामायनी प्रतिदिन एक्सप्रेस, 11055/56 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – गोरखपुर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस गोदान एक्सप्रेस ( सप्ताह में चार दिन), 11059/60 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – छपरा – लोकमान्य तिलक टर्मिनस त्रिसाप्ताहिक एक्सप्रेस इन सभी LHB कोच से परिचालित गाड़ियोंकी कोच संरचना में मार्च 2024 के पहले सप्ताह में बदलाव किया जा रहा है। निम्नलिखित परिपत्रक देखिए,

बदली हुई कोच संरचना (कंस में पुरानी कोच संरचना का उल्लेख किया गया है।)

1: 11061/62 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – जयनगर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस पवन प्रतिदिन एक्सप्रेस इस 22 कोच की गाड़ी में अब 02 वातानुकूल टु टियर (01), 06 वातानुकूल थ्री टायर (03),  08 शयनयान स्लिपर (12)

2: 11071/72 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – बलिया – लोकमान्य तिलक टर्मिनस कामायनी प्रतिदिन एक्सप्रेस इस 22 कोच की गाड़ी में अब 07 वातानुकूल थ्री टायर (05),  09 शयनयान स्लिपर (10),  वातानुकूल थ्री टायर इकोनॉमी रद्द किया गया (01)

3: 11055/56 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – गोरखपुर – लोकमान्य तिलक टर्मिनस गोदान एक्सप्रेस ( सप्ताह में चार दिन) और

4: 11059/60 लोकमान्य तिलक टर्मिनस – छपरा – लोकमान्य तिलक टर्मिनस त्रिसाप्ताहिक एक्सप्रेस, इन 22 कोच की गाड़ियोंमें अब 07 वातानुकूल थ्री टायर (05),  09 शयनयान स्लिपर (10),  वातानुकूल थ्री टायर इकोनॉमी रद्द किया गया (01)

कुल मिलाकर पवन एक्सप्रेस के 4 स्लिपर कोच परिचालन में से निकाले गए और कामायनी एवं गोदान एक्सप्रेस का एक स्लिपर और एक वातानुकूल थ्री टियर इकोनॉमी कोच परिचालन में से निकल गया।

एक तरफ अनारक्षित और ग़ैरवातानुकूलित कोच में कमी की जा रही है और दूसरी तरफ अनारक्षित टिकटोंकी बिक्री पर कोई सीलिंग, अंकुश नही है। मार्ग के प्रत्येक स्टेशनोंपर द्वितीय श्रेणी अनारक्षित टिकट बेचे जाते है जबकि गाड़ियोंके इस श्रेणी की यात्री क्षमता मात्र 100×3 कुल 300 यात्रिओंकी होती है। उपरोक्त परिस्थितियों में, अनारक्षित यात्री आरक्षित कोचों में चढ़ने के लिए मजबूर हो जाते है। आजकल तो स्लिपर कोच की कमी के चलते यह अनारक्षित टिकट धारक वातानुकूल कोच में भी सवार हो जाते है।

आगे ही स्लिपर वर्ग के आरक्षित यात्री मासिक पास धारकों, रेल विभाग के ड्यूटी पास / प्रिविलेज पास धारकोंकी कम अंतर की अतिक्रमित यात्राओंसे परेशान रहते थे। अब अमूमन यही स्थिति वातानुकूल कोचों में भी पाई जाने लगी है और रेल प्रशासन इन समस्याओं की तरफ देखता तक नही। यात्री की शिकायत पर सुरक्षाकर्मी कोच पर हाजिरी देते है, चलती गाड़ी में अवांछित यात्रिओंको आगे या पीछे के कोचों में खदेड़ते है और एखाद, दो घण्टों में स्थिति यथावत भी हो जाती है। आम यात्री शिकायत भी कितनी बार करेगा?

इन चिजोंका, स्थितियोंका स्थाई समाधान रेल प्रशासन को ढूंढना और उसे मुस्तेदी से लागू करना आवश्यक है। नियमित मेल/एक्सप्रेस गाड़ियोंमे से अनारक्षित द्वितीय श्रेणी को आरक्षित 2S में अनिवार्य रूप से बदलना आवश्यक है, ताकि द्वितीय श्रेणी अनारक्षित टिकटोंकी बिक्री पर बन्धन आए। साथ ही गैर-उपनगरीय मार्गोंके सीजन पास पर भी मेल/एक्सप्रेस के यात्राओंमें कुछ बन्धन लाना होगा। साथ ही ग़ैरवातानुकूलित क्षेत्रोंमें 300 से 500 किलोमीटर मार्ग की मेमू/इंटरसिटी गाड़ियोंकी आवृत्तियों में वृद्धि करनी होगी। इस तरह के कुछ सकारात्मक बदलाव किए जाए तो आम रेल यात्री अपनी रेल यात्रा शांतिपूर्वक कर पाएगा।