18 सितम्बर 2023, सोमवार, भाद्रपद, शुक्ल पक्ष, तृतीया, विक्रम संवत 2080
रतलाम, पश्चिम रेलवे के एक छोर का बड़ा मण्डल मुख्यालय। अपने लोको शेड के लिए पश्चिम रेलवे में अलग महत्व सहजा हुवा जंक्शन। मुम्बई – दिल्ली का ट्रंक और प्रीमियम मार्ग रतलाम होकर ही गुजरता है। देश की कई प्रीमियम गाड़ियाँ, राजधानी, दुरन्तो, तेजस गाड़ियाँ इस मार्ग पर चलती है। देश की अधिकतम गति 160kmph वाला मार्ग भी यही रुट बनने जा रहा है।
इतनी सारी खूबियों वाले रतलाम जंक्शन पर ‘पीट’ लाइन की मूलभूत व्यवस्था नहीं थी और इसके चलते रतलाम की यात्री गाड़ियोंकी माँग को हमेशा ही अवरोध लगा रहता था। हाल ही में मा. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के एक दौरे में इस सौगात को पुर्णत्व प्राप्त हुवा और अब रतलामवासियों की इस सम्बंध में रेल प्रशासन से एक लिखित अनुमति पत्र भी मिल चुका है।

सबसे पहले हम यह समझते है, आखिर यह पिट लाइन है क्या और इसका इतना महत्व क्यों है? दरअसल पिट याने गढ्ढा और पिट लाइन याने गढ्ढे युक्त रेल लाइन। रेल कोच के यथावत रखरखाव के लिए एक खास तरह की व्यवस्था की जाती है। रेल पटरी की ऐसी रचना जिसमे पटरी के बीचोंबीच करीबन 4 फिट गहरी लम्बी खाई बनी होती है, जिसने लाइट्स, दोनों साइड रैम्पस, इलेक्ट्रिक स्विचेस और रखरखाव सम्बन्धी रचनाएं उपलब्ध की गई होती है। यह पिट एक 24 कोच के सम्पूर्ण रेल गाड़ी का रैक सेट हो सके इतनी लंबी हो सकती है। वैसे आवश्यकता अनुसार 12 मेमू कोच या 16 ICF कोच की भी पिट लाइनोंका निर्माण किया जाता रहा है। आजसे 15, 20 वर्ष पूर्व रतलाम जंक्शन पर 16 ICF कोच की दो पिट लाइन थी, मगर वर्षों तक कार्यान्वयन न होने के कारण वह व्यवस्था जीर्ण हो चुकी है। नई पिट लाइन निर्माण की अनुमति मिलने से हो सकता है, उसी पुरानी पिट लाइन्स का पुनर्निर्माण कर उन्हें और आधुनिक बनाया जाए।
इस निर्माणाधीन पिट लाइन से रतलामवासियोंके यात्री गाड़ियोंके मांग को उम्मीद के पंख लग गए है। हिसार – कोटा – हिसार एक्सप्रेस और इन्दौर जबलपुर इन्दौर ओवरनाइट एक्सप्रेस का रतलाम तक विस्तार कराने में जो रखरखाव की समस्या हरदम दर्शाई जाती थी, यह पिट लाइन उसका समाधान कर देगी। इसके अलावा इन्दौर जंक्शन का टर्मिनल रूप में जो विस्तार हो रहा है, इन्दौर टर्मिनेट होने वाली कुछ गाड़ियाँ, अहमदाबाद से उदयपुर के बीच चलनेवाली गाड़ियोंका भी रतलाम जंक्शन पर विस्तार किया जा सकेगा।
रतलामवासियोंको, अपने मण्डल मुख्यालय स्टेशन पर, इस पिट लाइन के निर्माण से वर्षों पुरानी खोई हुई एक अस्मिता फिर लौटने का अहसास प्राप्त हो रहा है।











